मनोचिकित्सक पैनल करेगा नाबालिग आरोपितों का परीक्षण
- सामूहिक दुष्कर्म में शामिल चारों छात्रों की मनोस्थिति का लगाया जाएगा पता - मेडिकल रिपोट
- सामूहिक दुष्कर्म में शामिल चारों छात्रों की मनोस्थिति का लगाया जाएगा पता
- मेडिकल रिपोर्ट के बाद तय होगा कि बोर्ड करेगा सुनवाई या पोक्सो कोर्ट में बालिगों की तरह चलेगा केस
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जागरण संवाददाता, देहरादून:
सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित छात्र हाईस्कूल और इंटर के भले ही हैं, लेकिन उनकी करतूत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। आरोपित छात्रों ने जिस तरह से छात्रा को अपनी साजिश में फंसा कर उससे शारीरिक संबंध बनाए, उससे उनकी आपराधिक मानसिकता का पता चलता है। इसकी पुष्टि करने के लिए किशोर न्याय बोर्ड सभी आरोपित छात्रों का मनोचिकित्सक पैनल से मेडिकल कराएगा। इसमें छात्रों की मनोस्थिति का पता चलने के बाद तय होगा कि नाबालिग छात्रों पर बालिगों की तरह पोक्सो कोर्ट में केस चले या फिर बोर्ड में ही सुनवाई की जाए।
दरअसल, छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म करने वाले हाईस्कूल के दो छात्रों की उम्र 14 वर्ष से ऊपर और इंटर के एक छात्र की उम्र साढ़े सत्रह वर्ष तथा एक आरोपित की उम्र 18 वर्ष से अधिक है। इसी के चलते तीनों नाबालिग आरोपितों को बाल सुधार गृह भेजा गया। मगर वारदात की गंभीरता को देखते हुए हर कोई इसलिए दंग है कि नाबालिग छात्रों ने किसी बालिग की तरह छात्रा को अपने हवस का शिकार बनाया। मंगलवार को किशोर न्याय बोर्ड के सामने छात्रों के बयान में यह सामने आया था कि बोर्डिग स्कूल में दिन हो रात छात्र-छात्राओं को मिलने-जुलने पर कोई रोकटोक नहीं थी। यही नहीं सभी स्कूल में पोर्न फिल्में भी देखते थे। ऐसे में बोर्ड भी मानता है कि नाबालिग छात्रों ने गंभीर अपराध किया है। छात्रों की शारीरिक और मानसिक स्थिति के परीक्षण को मेडिकल बोर्ड गठित करने के लिए संबंधित विभाग को पत्र भेजा जा रहा है।