ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल को पेट्रोल पंप एसोसिएशन का समर्थन
जागरण संवाददाता, देहरादून: केंद्र सरकार की नई परिवहन नीतियों के विरोध में पांच दिनों से ट्रक
जागरण संवाददाता, देहरादून:
केंद्र सरकार की नई परिवहन नीतियों के विरोध में पांच दिनों से ट्रक ऑपरेटर्स की हड़ताल के चलते प्रदेशभर की ट्रांसपोर्ट व्यवस्था पर असर पड़ने लगा है। प्रदेशभर के दो लाख छोटे-बड़े ट्रक चक्का जाम में शामिल हैं। इससे उत्पादन व सेवाएं प्रभावित होने लगी है। वहीं, देहरादून पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने भी शहर में चल रहे आंदोलन को समर्थन दिया है।
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बैनर तले 20 जुलाई से प्रदेशभर में शुरू हुए आंदोलन में ट्रक, ऑटो, विक्रम, सिटी बस समेत करीब छह लाख वाहन शामिल हुए थे। इसके बाद से ट्रक ऑपरेटर्स ही हड़ताल पर हैं। मंगलवार को ट्रांसपोर्ट नगर में चल रहे धरने के पांचवें दिन देहरादून पेट्रोल पंप वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरकांत गर्ग ने भी ट्रक ऑपरेटर्स की मांगों को जायज बताते हुए समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि यदि प्रदेश व केंद्र सरकार ने ट्रक ऑपरेटर्स की मांगों को नजरंदाज किया तो वे भी आंदोलन में शामिल होने को बाध्य होंगे।
उत्पादन व सेवाओं पर सीधा असर
एसोसिएशन के अध्यक्ष हरभजन सिंह ने कहा कि एसोसिएशन के ट्रकों से सिडकुल सेलाकुई, रुद्रपुर, हरिद्वार, सितारगंज में कच्चे माल व उत्पाद की सप्लाई नहीं हो पा रही है। इसका सीधा असर उत्पादन व सेवाओं पर पड़ने लगा है। किराना व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। एसोसिएशन का दावा है कि इससे प्रदेशभर में करीब 150 करोड़ का कामकाज प्रभावित हुआ है। आने वाले दिनों यह आंकड़ा और अधिक पहुंचने वाला है।
ंमंडी में भी पड़ने लगा असर
पांच दिनों से ट्रकों की हड़ताल के कारण मंडी में भी आवक प्रभावित होने लगी है। इसमें पंजाब समेत बाहरी प्रदेशों से आने वाले फलों की आवक पर असर पड़ा है। जबकि, पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाली आवक में भी कमी दर्ज की गई है।
ये हैं मांगें
- डीजल मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण
- गैर पारदर्शी और असहनीय टोल नीति पर रोक।
- थर्ड पार्टी प्रीमियम में वार्षिक वृद्धि पर रोक।
- बसों, पर्यटन वाहनों के लिए नेशनल परमिट।
- डायरेक्ट पोर्ट नीति समाप्त हो।