संयुक्त मोर्चे का चरणबद्ध आंदोलन आज से
पदोन्नति, सातवें वेतनमान का लाभ समेत अन्य मांगों पर विचार नहीं होने पर अब उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा ने एक बार फिर आंदोलन की राह चुनी है। मोर्चा ने 24 सितंबर से प्रदेशभर में चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने का एलान किया है।
जागरण संवाददाता, देहरादून:
पदोन्नति, सातवें वेतनमान का लाभ समेत अन्य मांगों पर विचार नहीं होने पर अब उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा ने एक बार फिर आंदोलन की राह चुनी है। मोर्चा ने 24 सितंबर से प्रदेशभर में चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने का एलान किया है। तीन चरणों में होने वाले आंदोलन में विधायक-मंत्रियों और अंतिम चरण में 25 अक्टूबर को सभी जिलों में आक्रोश रैली का आयोजन होगा। इनमें मोर्चा की ओर से मांगों को लेकर हुंकार भरी जाएगी।
सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में संयुक्त मोर्चा के मुख्य संयोजक ठाकुर प्रह्लाद सिंह ने कहा कि 25 सितंबर से तीन चरणों में आंदोलन शुरू किया जाएगा। इसमें पहले चरण में 25 सितंबर से पांच अक्टूबर तक सभी जिलों में विधायक, मंत्रियों और सांसदों को ज्ञापन सौंपे जाएंगे। दूसरे चरण में नौ से 24 अक्टूबर तक विभिन्न विभागों में धरना दिया जाएगा। अंतिम चरण में 25 अक्टूबर को मोर्चा की ओर से रैलियां निकाली जाएंगी। कहा कि उन्होंने मांगों पर विचार के लिए पर्याप्त समय दिया, लेकिन सरकार की ओर से सकारात्मक कार्रवाई देखने को नहीं मिली। इससे संयुक्त मोर्चे के सदस्य सरकार से निराश हैं और उनमें रोष पनपने लगा है। इसलिए वे अब आंदोलन को बाध्य हुए हैं।
ये हैं मुख्य मांगें
- सातवें वेतनमान में ग्रेड-पे 3000 वालों को ग्रेड-पे 4200 में समायोजित किया जाए।
- 9,14 और 19 वर्ष पर लागू समयबद्ध वेतन/एसीपी की व्यवस्था पूर्व की भांति यथावत हो।
- छठे वेतन आयोग में जो ग्रेड-पे लागू नहीं हैं, उन्हें समाप्त किया जाए।
- ग्रेड-पे 10500 और 11000 को एचएजी में समायोजित किया जाए।
- दैनिक वेतन भोगी, संविदा आउटसोर्स, उपनल, पीटीसी कर्मचारियों का नियमितीकरण।
- 52 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष कर्मचारियों और 50 वर्ष पूरी कर चुकी महिला कर्मचारियों के स्थानांतरण पर रोक।