उत्तराखंड में भारत बंद का दिखा मिलाजुला असर
एससी, एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में भारत बंद का प्रदेश में भले ही मिलाजुला असर देखने को मिला हो। लेकिन, राजधानी समेत हरिद्वार, रुड़की, मंगलौर, भगवानपुर ऋषिकेश में हुए जुलूस-प्रदर्शनों में युवा खुलकर सामने आए और उन्होंने आरक्षण को ही असमानता की मुख्य वजह बताया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: एससी, एसटी एक्ट में संशोधन के विरोध में भारत बंद का प्रदेश में भले ही मिलाजुला असर देखने को मिला हो, लेकिन राजधानी समेत हरिद्वार, रुड़की, मंगलौर, भगवानपुर ऋषिकेश में हुए जुलूस-प्रदर्शनों में युवा खुलकर सामने आए। उन्होंने आरक्षण को ही असमानता की मुख्य वजह बताया। रुड़की और भगवानपुर में सांकेतिक रूप से दो घंटे के लिए पेट्रोल पंप भी बंद रखे गए। वहीं गढ़वाल में पौड़ी और चमोली जिले के कुछ ही कस्बों में बाजार बंद का असर दिखा। कुमाऊं में भी बाजार बंद कुछ ही शहरों तक सीमित नजर आया।
गुरुवार सुबह देहरादून में नवभारत निर्माण संस्था के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने डीएम कार्यालय में आरक्षण के विरोध में प्रदर्शन किया और इसके बाद कचहरी रोड होते हुए विभिन्न क्षेत्रों से जुलूस निकाला। इस दौरान युवाओं ने आरक्षण को खत्म करने की मांग की। दून में अधिवक्ता भी न्यायिक कार्य से विरत रहे। हरिद्वार में ब्राह्मण सभा ने भी जुलूस निकालकर आरक्षण का विरोध किया। चमोली जिले के गोपेश्वर में बाजार बंद का सर्वाधिक असर देखने को मिला। यहां पेट्रोल पंप, स्कूल और बाजार बंद रहे। अधिवक्ता भी न्यायिक कार्य से विरत रहे। पौड़ी, सतपुली में व्यापारियों ने प्रतिष्ठान बंद रखकर बंद को सफल बनाया। जबकि, टिहरी जिले के घनसाली, रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी के मुख्य बाजारों में आंशिक असर रहा। कुमाऊं में काशीपुर और अल्मोड़ा में बंद का ज्यादा असर देखने को मिला। ऊधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में सवर्ण समाज ने प्रदर्शन कर एक्ट में संशोधन का विरोध किया। विरोध-प्रदर्शनों में युवा वर्ग ने बढ़-चढ़कर भागीदारी की।
शांतिपूर्ण रहे विरोध-प्रदर्शन
पूरे प्रदेशभर में हुए विरोध-प्रदर्शनों के दौरान कोई अप्रिय घटना देखने को नहीं मिली। सभी क्षेत्रों में प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए। बाजार बंद में अराजक घटनाओं की भी आशंका जताई जा रही थी। इसके लिए पुलिस प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर था और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने की पूरी तैयारी थी।