भोजनमाताएं बोलीं, सिर्फ झूठ हैं मातृशक्ति के सम्मान के सारे दावे Dehradun News
खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय परिसर में धरना दे रही भोजन माताओं ने सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया।
देहरादून, जेएनएन। अपनी मांगों को मनवाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी के कार्यालय परिसर में धरना दे रही भोजन माताओं ने सरकार पर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा मातृशक्ति को सम्मान देने वाले तमाम सरकारी दावे भी झूठे हैं। रात दिन परेशानी उठाकर धरना दे रही मातृशक्ति की आवाज को सरकार अनसुना कर रही है।
भोजन माता संगठन की प्रदेश अध्यक्ष ऊषा देवी ने कहा सरकार मातृशक्ति के सम्मान के दावे तो बहुत करती है, लेकिन सर्दी-बरसात के मौसम में अपने हक की आवाज उठा रही मातृशक्ति की सुध लेने को सरकार तैयार नहीं है। उन्होंने कहा सरकारी विद्यालयों में चलने वाली मिड डे मील बनाकर बच्चों को परोसने का बेहद महत्वपूर्ण व जिम्मेदारी वाला कार्य करने वाली भोजन माताएं बेहद निर्धन परिवारों से संबंध रखती हैं।
अगर वह अपने और परिवार के गुजारे के लिए सरकार से सहायता मांग रही हैं, तो इसमें सरकार को भी इन महिलाओं के बारे में सोच विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा सरकारी व्यवस्थाओं के हिसाब से प्रदेश के चार जनपदों में मिड डे मील की सप्लाई किसी एनजीओ के माध्यम से कराए जाने के मामले में भी सरकार को अपनी नीति को स्पष्ट करना चाहिए। यह व्यवस्था लागू होने के बाद भोजन माताओं की नौकरी सलामत रहेगी या नहीं, इसका जवाब सरकार को देना चाहिए।
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धरने पर बैठने वालों में बीना, बिट्टो देवी, दर्शनी देवी, रक्षा देवी, प्यारो, बबीता, कमला राणा, सुमन मिश्र, दीपा थापा, मंजू, काजल गुप्ता, निर्मला, लज्जा, परमजीत, कृष्णा, कुसुमलता, इंद्रा, ऊषा राठौर, शहनाज, लीला देवी आदि शामिल रही।
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