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ऊर्जा निगम में निदेशक के पद पर बाहरी व्यक्तियों की नियुक्ति का विरोध

उक्रांद के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष और संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार पंवार ने ऊर्जा निगमों में निदेशक के पदों पर बाहरी व्यक्तियों की नियुक्ति का विरोध किया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 09:09 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 09:09 PM (IST)
ऊर्जा निगम में निदेशक के पद पर बाहरी व्यक्तियों की नियुक्ति का विरोध
ऊर्जा निगम में निदेशक के पद पर बाहरी व्यक्तियों की नियुक्ति का विरोध

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष और संरक्षक त्रिवेंद्र पंवार का आरोप है कि ऊर्जा निगमों में निदेशक के पदों पर विभागीय अधिकारियों की पदोन्नति न कर बाहरी व्यक्तियों की नियुक्ति की जा रही है। अगर इस पर रोक नहीं लगाई जाती है तो यूकेडी आंदोलन करेगी। 

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देहरादून में प्रेस क्लब में बुधवार को पत्रकार वार्ता में पंवार ने कहा कि ऊर्जा निगमों में पिछले कई साल से सेवा दे रहे वरिष्ठ इंजीनियरों और अधिकारियों के साथ अन्याय हो रहा है। क्योंकि निदेशक के पदों पर बाहरी लोगों को तैनात किया जा रहा है। संविदा पर नियुक्त किए जा रहे निदेशक ऊर्जा निगमों में मनमानी करते हैं। निगमों को इसका आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है। इसलिए किसी भी बाहरी व्यक्ति का निगमों में उच्च पदों पर नियुक्ति का पुरजोर विरोध किया जाना चाहिए। 

उनन्होंने कहा कि पदोन्नति में या तो चहेतों को लाभ दिया जाता है या फिर बाहरी लोगों को इन पदों पर तैनात किया जा रहा है। पिटकुल में निदेशक वित्त के पद पर भी बाहरी व्यक्ति को बैठाने की तैयारी की जा रही है। जिस व्यक्ति को इस पद पर तैनात किया जा रहा है उस पर पहले से ही भ्रष्टाचार के बड़े आरोप लगे हुए हैं। पत्रकार वार्ता में लताफत हुसैन, जय प्रकाश उपाध्याय, सुनील ध्यानी आदि भी मौजूद रहे।

भारत के कम शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य: प्रो. एचके सिंह

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. एचके सिंह ने कहा कि भारत के बहुत कम शोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य हैं। कहा कि शोध का एक स्पष्ट उद्देश्य होना महत्वपूर्ण है। उन्होंने विश्वविद्यालयों को स्पेशल एजुकेशनल जोन (एसईजेड) को बदलने की बात पर जोर दिया। यह बात उन्होंने बुधवार को दून विवि के सात दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार के समापन सत्र में कही।

दून विवि के प्रबंधन विभागाध्यक्ष प्रो.एचसी पुरोहित ने कहा कि विवि की ओर से शोध पर राष्ट्रीय कार्यशाला संगठित रूप से आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था में यूजीसी की ओर से भी जोर दिया जा रहा है। इस उद्देश्य में प्रबंधन विभाग की राष्ट्रीय वेबिनार सफल साबित हुई। महर्षि दयानंद विवि के पूर्व डीन प्रो. रविंद्र विनायक ने ऐसे आयोजनों की आवश्कता पर जोर दिया। दून विवि के कुलपति प्रो. एके कर्नाटक ने कहा कि मनुष्य और समाज शोध के केंद्र बिंदु होने चाहिए। 

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उन्होंने विवि के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट विभागाध्यक्ष, कार्यशाला समन्वयक और उनकी टीम को बधाई दी। यूपीईएस के कुलपति प्रो. सुनील राय ने शोधार्थियों को इस कार्यशाला का हिस्सा होने पर बधाई दी। उन्होंने हाल के समय में एप्लाइड रिसर्च पर जोर दिए जाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान पूरा विश्व भारत की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहा है। क्योंकि भारत कोरोना वैक्सीन बनाने वाला पहला देश हो सकता है।

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