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प्रमोशन में पेच से लटकी दारोगा-सिपाही भर्ती

प्रदेश में पुलिस सिपाही और दारोगा बनने का ख्वाब संजोए युवाओं को झटका लगा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 03:00 AM (IST)
प्रमोशन में पेच से लटकी दारोगा-सिपाही भर्ती
प्रमोशन में पेच से लटकी दारोगा-सिपाही भर्ती

जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश में पुलिस सिपाही और दारोगा बनने का ख्वाब संजोए युवाओं के लिए बड़ी खबर है। प्रमोशन में पेच से भर्ती प्रक्रिया छह माह के लिए लटक गई है। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी भर्ती में बाधा बनेगी। ऐसे में इस साल अंत तक ही इसके शुरू होने की उम्मीद की जा सकती है।

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राज्य गठन के 18 साल बाद प्रदेश में पुलिस की अपनी नियमावली बनी। इसे बनाने में भी छह माह से अधिक का समय कैबिनेट स्तर पर लगा। बामुश्किल कैबिनेट से नियमावली पारित हुई तो कांस्टेबिल के हेड कांस्टेबिल पदों पर, दारोगा के इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन होना था। इसके लिए नियमावली के तहत प्रमोशन किए जाने हैं। पुलिस मुख्यालय ने वरिष्ठता सूची का निर्धारण कर लिया है। यह सूची वेबसाइट पर डाल दी है। 10 मार्च तक इसपर आपत्तियां मांगी गई हैं। आपत्तियां आने के बाद मार्च अंत तक सुनवाई होगी। इसी बीच लोकसभा चुनाव की आचार संहिता भी लगने की प्रबल संभावना है। ऐसे में भर्ती प्रक्रिया के लिए विज्ञप्ति जारी करने से लेकर दूसरी औपचारिकताएं और तैयारी में भी दो से तीन माह का समय लगेगा। लोकसभा चुनाव के बीच पुलिस के लिए यह काम करना बेहद कठिन है। इससे साफ है कि अगले छह माह तक नई भर्ती पर फिलहाल ब्रेक लग गया है। भर्ती प्रक्रिया लटकने से पुलिस सिपाही और दारोगा बनने का सपना संजोए युवाओं को झटका लगा है। खासकर इस बीच भर्ती के लिए तय उम्र पार करने वाले युवाओं को बड़ा नुकसान होगा। यह बात पुलिस के आला-अधिकारी भी स्वीकार कर रहे हैं। प्रक्रिया का हवाला देते हुए फिलहाल भर्ती कराने से भी विभाग पीछे हटता दिख रहा है। करीब 750 सिपाही और 80 दारोगा के पदों पर होने वाली इस भर्ती के लिए हजारों युवा तैयारी कर रहे हैं। इधर, पुलिस में भर्ती प्रक्रिया लटकने का अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान सरकार को भी होगा। पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करने में समय लगेगा। वरिष्ठता सूची के निर्धारण को आपत्तियां मांगी गई हैं। मार्च अंत तक आपत्तियों का निस्तारण होगा। इसके बाद रिक्त पदों पर नई भर्ती की जानी है। इस बीच यदि आचार संहिता लगी तो भर्ती कराने में देरी हो सकती है।

जीएस मार्तोलिया, आइजी कार्मिक


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