निकाय चुनाव: प्रचार में सरकारी वाहनों के इस्तेमाल पर लगाई रोक
राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा आदर्श आचार संहिता के कारण निकाय चुनावों में सत्ताधारी दल चुनाव प्रचार के लिए सरकारी विमानों व वाहनों का उपयोग नहीं कर सकेगा।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: निकाय चुनावों में सत्ताधारी दल चुनाव प्रचार के लिए सरकारी विमानों व वाहनों का उपयोग नहीं कर सकेगा। ऐसा करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने आदर्श आचार संहिता की गाईडलाइन जारी करते हुए सभी दलों से इसका अनुपालन करने की अपेक्षा की है। राज्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र लिखकर सभी संबंधित अधिकारियों व विभागों से इसका अनुपालन कराने को कहा है। सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निकाय चुनावों की अधिसूचना जारी होते ही आदर्श आचार संहिता भी लागू हो गई। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश के मंत्रियों को शासकीय दौरों को निर्वाचन संबंधी प्रचार से नहीं जोड़ना चाहिए।
आयोग ने निर्वाचन के प्रचार के दौरान सरकारी और अर्द्धसरकारी विभागों के वाहनों के इस्तेमाल, शासकीय तंत्र व कार्मिकों के प्रयोग पर भी रोक लगाई है। आयोग ने सरकार से यह भी अपेक्षा की है कि वह सार्वजनिक स्थानों, मैदानों व हेलीपैड का इस्तेमाल करने पर एकाधिकार न जमाएं। दूसरे दलों के उम्मीदवारों को भी उन्हें शर्तो पर इनका इस्तेमाल करने दिया जाए, जिन शर्तो पर सत्ताधारी दल इनका उपयोग करता है।
उन्होंने सत्ताधारी दल के मंत्रियों से निकाय चुनाव के दौरान शासकीय यात्राएं न करने और व्यक्तिगत कार्यो के लिए शासकीय वाहनों का इस्तेमाल न करने की अपेक्षा भी की है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि आदर्श आचार संहिता लागू रहते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों के तबादलों पर रोक रहेगी, नई भर्तियां नहीं की जाएगी। आयोग ने प्रत्याशियों से भी प्रतिद्वंद्वियों के व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना न करने को कहा है जिनका सार्वजनिक जीवन से कोई संबंध है। इसके अलावा आयोग ने सरकारी भवन व कार्यालयों पर चुनाव प्रचार संबंधी स्लोगन लिखने व प्रचार सामग्री आदि चस्पा करने पर रोक लगाई है।