एनआइवीएच के निदेशक होंगे प्रो. नचिकेता
(एनआइवीएच) में स्थायी निदेशक की नियुक्ति कर दी गई है। चेन्नई से प्रोफेसर नचिकेता का नाम तय किया गया है।
जागरण टीम, नैनीताल/देहरादून: हाई कोर्ट की सख्ती के बाद राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान (एनआइवीएच) में स्थायी निदेशक की नियुक्ति कर दी गई है। चेन्नई से प्रोफेसर नचिकेता का नाम तय किया गया है। वह सोमवार से कार्यभार संभालेंगे। गुरुवार को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई में प्रदेश सरकार ने अपना पक्ष रखा। अब मामले में अगली सुनवाई की तिथि 10 अक्टूबर तय की गई है।
सरकार की ओर से कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ के समक्ष पक्ष रखा। कहा गया कि संस्थान में छात्राओं के साथ छेड़छाड़ के आरोपित संगीत शिक्षक के खिलाफ 29 अगस्त को ही मुकदमा दर्ज करा दिया गया था। उक्त शिक्षक को सस्पेंड भी कर दिया गया था। बताया कि जिलाधिकारी देहरादून की ओर से नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जो छात्राओं की 30 सूत्रीय मांगों को लागू करने की निरंतर समीक्षा कर रहे हैं। इनमें एमबीबीएस डॉक्टर की तैनाती, जेनरेटर की व्यवस्था की जा चुकी है। छात्राओं की सुरक्षा की दृष्टि से एक महिला दारोगा व दो कांस्टेबिल की नियमित तैनाती की गई है। इसके अलावा संस्थान परिसर में 64 सीसीटीवी कैमरे लगाने की जानकारी दी गई। डाइटिशियन की सुविधा नहीं होने की बात भी कही गई। स्थायी निदेशक को लेकर बताया गया कि प्रो. नचिकेता अवकाश पर हैं। फिलहाल एमएसवीएचएम की प्रिंसिपल डॉ. गीतिका माथुर प्रभारी निदेशक के तौर पर कार्यभार संभालेंगी। बताया कि प्रो. नचिकेता नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एम्पावरमेंट ऑफ मल्टीपल डिसैबिलिटी (चेन्नई) में एसोसिएट प्रोफेसर रहे हैं। खेल सुविधाओं पर हाई कोर्ट नाराज
खंडपीठ ने संस्थान में छात्रों को मिल रही खेल सुविधा पर नाराजगी जाहिर की। कहा गया कि राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में छात्रों को पर्याप्त खेल सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। छात्रों को खेलने के लिए छोटा सा मैदान दिया गया है, यह नाकाफी है। कोर्ट ने इसमें तुरंत सुधार के आदेश दिए। इसके लिए तीन माह का समय निर्धारित किया गया है।