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यहां कूड़ा उठ नहीं रहा और बिल भेजा 92 लाख का, जानिए पूरा मामला

कूड़ा उठान सिर्फ दस या पंद्रह दिन और काम की एवज में कंपनी ने नगर निगम को 92 लाख रुपये का बिल भेजा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 23 Aug 2019 03:40 PM (IST)Updated: Fri, 23 Aug 2019 08:41 PM (IST)
यहां कूड़ा उठ नहीं रहा और बिल भेजा 92 लाख का, जानिए पूरा मामला
यहां कूड़ा उठ नहीं रहा और बिल भेजा 92 लाख का, जानिए पूरा मामला

 देहरादून, अंकुर अग्रवाल। डोर-टू-डोर कूड़ा उठान कर रही कंपनी चेन्नई एमएसडब्लू की गाड़ी आपके घर से एक माह में कितने दिन कूड़ा उठा रही, तो सभी का जवाब यही होगा कि मुश्किल से दस-बारह दिन। नगर निगम में शिकायत के आंकड़े भी इसकी तस्दीक कर रहे हैं। शहर में कूड़ा उठान पर बात केवल जुलाई माह की करें तो कंपनी दावा कर रही कि उसने सभी दिन कूड़ा उठान किया। इस काम की एवज में कंपनी ने नगर निगम को 92 लाख रुपये का बिल भेजा है। बिल देखकर नगर निगम के अधिकारी सिर पकड़े हुए हैं और कंपनी का रिकॉर्ड खंगाल रहे। यही नहीं, निगम ने भी अब कंपनी के दबाव में आने से इनकार कर दिया है और कंपनी को बाहर करने की तैयारी चल रही। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय के अनुसार कंपनी को अंतिम नोटिस देकर 25 अगस्त तक का समय दिया गया है। अगर कंपनी नहीं सुधरी तो निगम बड़ा कदम उठाएगा। पांच साल की मशक्कत के बाद नगर निगम ने शहर में डोर-टू-डोर कूड़ा उठान का जिम्मा नई कंपनी को दिया है। 

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शुरुआत में वर्ष 2011 से मार्च 2014 तक यह काम डीवीडब्लूएम कंपनी ने देखा लेकिन बाद में हाथ खड़े कर दिए। फिर नगर निगम ने यह काम अपने निर्देशन में एक आउट-सोर्सिंग कंपनी के जरिए कराया लेकिन यूजर-चार्ज में हर महीने निगम को दस से पंद्रह लाख रुपये की चपत लगती रही। पहले निगम में 25 लाख के आसपास यूजर चार्ज आ रहा था, जो महज 10 लाख रह गया। इस बीच जनवरी-18 में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शुरू हुआ तो डोर-टू-डोर कूड़ा उठान टेंडर कराना भी जरूरी हो गया। हालात ये हैं कि निगम ने इस काम के लिए उसी कंपनी की सहयोगी कंपनी का चयन किया जो सॉलिड वेस्ट प्लांट संभाल रही। इसमें सांठगांठ का आरोप भी लगा पर सब ठंडे बस्ते में चला गया। 

बहरहाल, इस साल फरवरी के पहले सप्ताह में नई कंपनी ने 15 वार्ड से कूड़ा उठान का ट्रायल शुरू किया और माह के अंत में 30 वार्ड से कूड़ा उठान शुरू कर दिया गया। मौजूदा समय में कंपनी पुराने परिसीमन के सभी 60 वार्ड में कूड़ा उठान का दावा कर रही। हालांकि, शिकायतें हैं कि नई कंपनी भी पुराने नक्शे-कदमों पर चल रही और हफ्ते में महज एक दिन ही गाड़ी आ रही। इन सभी के बीच कंपनी के कर्मचारियों पर यूजर चार्ज में अवैध वसूली के आरोप भी लगने लगे हैं। करनपुर समेत डालनवाला, देहराखास, कौलागढ़, रेसकोर्स और भंडारीबाग आदि से मिली शिकायतों में लोगों का आरोप है कि कंपनी कर्मचारी दो महीने का यूजर चार्ज लेकर एक महीने की रसीद दे रहे हैं। जुलाई का यूजर चार्ज 50 रुपये के बदले 100 रुपये लिया गया, जबकि कूड़ा दस दिन भी नहीं उठा। 

एक मीट्रिक टन के 1210 रुपये 

नगर निगम की ओर से प्रति एक मीट्रिक टन कूड़ा उठाने के लिए कंपनी को 1210 रुपये दिए जाते हैं। कंपनी रोजाना लगभग 270 मीट्रिक टन कूड़ा उठाने का दावा कर रही है। इसी की एवज में कंपनी ने जुलाई माह का बिल 92 लाख रुपये भेजा है। ये ही नहीं आंकड़ों पर गौर करें तो कंपनी हर दिन 3.26 लाख रुपये की कमाई औसतन कर रही। 

तो पार्षद करेंगे गाड़ी का संचालन 

नगर निगम सूत्रों की मानें तो शिकायतों की फेहरिस्त व कंपनी की मनमानी, अवैध वसूली आदि को देखकर जल्द कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है। इस मामले में विधिक राय भी ली जा रही है व टेंडर की शर्तों का अध्ययन कर लिया गया है। सूत्रों की मानें तो अब निगम अधिकारी हर वार्ड में कूड़ा उठान गाडिय़ों की कमान संबंधित पार्षद के हाथ में देने की तैयारी में हैं। पार्षद की निगरानी में गाडिय़ां संचालित होंगी और अगर किसी को शिकायत होगी तो वह सीधे पार्षद से करेगा। निगम कंपनी को दी गई अपनी 35 गाडिय़ां भी वापस ले लेगा और कंपनी की 60 गाड़ियां भी जब्त कर ली जाएंगी।   

अवैध वसूली कर रही कंपनी 

अगर आपसे चेन्नई एमएसडब्लू या नगर निगम का नाम लेकर यूजर चार्ज के रूप में 50 रुपये के बदले 100 रुपये लिए जा रहे हैं तो आप सतर्क हो जाइए। यही नहीं बिना रसीद कोई शुल्क लिया जा रहा है तो आप शुल्क न दें। दरअसल, आजकल कंपनी के कर्मचारियों ने यूजर चार्ज में अवैध वसूली शुरू कर दी है। यह कर्मचारी रसीद तो एक महीने की दे रहे, लेकिन वसूल कर रहे दो माह के सौ रुपये। शहर के कई वार्ड में इस तरह की शिकायतें आ रही। जहां से जुलाई और अगस्त का यूजर चार्ज वसूला गया व रसीद केवल जुलाई की दी गई। करनपुर के पार्षद विनय कोहली ने बकायदा इस तरह की रसीदें नगर निगम में स्वास्थ्य अधिकारी को दिखाईं। आरोप है कि शहर में हर वार्ड में इस तरह की अवैध वसूली चल रही है। 

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100 रुपये दोगे तो बजाएंगे डोर-बेल 

पार्षद विनय कोहली ने बताया कि कंपनी के कर्मचारी अवैध वसूली के लिए नए फंडे अपना रहे। वे लोगों को झांसा दे रहे हैं कि अगर 100 रुपये दोगे तो डोर-बेल बजाकर सीधे घर से कूड़ा लेंगे। लोग भी सड़क तक आने से बचने के लिए कर्मियों के झांसे में आ जा रहे। अब स्थिति ये है कि डोर-बेल बजाना तो दूर, गाड़ियों का हूटर तक नहीं बजाया जा रहा। 

व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से चेक या ड्राफ्ट से वसूला जाएगा यूजर चार्ज 

आवासीय भवनों से यूजर चार्ज में अवैध वसूली की शिकायतों के मद्देनजर निगम ने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए केवल चेक या ड्राफ्ट से यूजर चार्ज लेने के निर्देश दिए हैं। व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से तय श्रेणी के हिसाब से यूजर चार्ज 100 रुपये से लेकर दस हजार रुपये तक वसूला जाता है। इसमें बड़ी धांधली की आशंका रहती है और पूर्व में इसके कई उदाहरण भी सामने आ चुके हैं। निगम ने चेन्नई एमएसडब्लू कंपनी को निर्देश दिए हैं कि कोई भी धांधली नहीं हो, इसलिए बैंक चेक या ड्राफ्ट का ही प्रावधान रखा गया है। अगर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से कंपनी के कर्मचारी नकद शुल्क मांगते हैं तो साफ मना कर दें। 

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नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय का कहना है कि कंपनी की यूजर चार्ज रसीद पर पचास रुपये प्रतिमाह शुल्क अंकित है। इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। अगर कहीं से दो माह का शुल्क लेकर एक माह की पर्ची दी गई है तो गलत है। इसकी जांच की जा रही है। लोगों से भी अपील है कि वे बगैर रसीद लिए किसी को शुल्क न दें व जितना शुल्क रसीद पर अंकित है, उतना ही शुल्क अदा करें। कंपनी और इसके कर्मचारियों की मनमानी व शिकायतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। कंपनी को लॉस्ट अल्टीमेटम दिया गया है। वरना निगम कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है। 

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