Coronavirus: छात्रा के कोरोना पॉजिटिव मिलने से निजी विवि के हॉस्टल का ब्लॉक सील
निजी विश्वविद्यालय के छात्रवास में रहने वाली एक छात्रा के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर गर्ल्स हॉस्टल का ब्लॉक सील कर दिया गया है।
देहरादून, जेएनएन। एक निजी विश्वविद्यालय के छात्रवास में रहने वाली एक छात्रा के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर गर्ल्स हॉस्टल का ब्लॉक सील कर दिया गया है। वहीं, छात्रा के संपर्क में आए 24 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है। राजकीय या निजी विश्वविद्यालय के हॉस्टल में किसी विद्यार्थी का कोरोना पॉजिटिव मिलने का यह पहला मामला है।
विवि प्रशासन का दावा है कि लॉकडाउन के बाद से विवि बंद है। लॉकडाउन के दौरान किसी कारणवश घर नहीं जाने वाले करीब 70 छात्र-छात्रएं हॉस्टलों में रुके हुए थे। जिन्हें कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी मानकों के अनुसार ठहराया गया था। एक जून को अनलॉक-1.0 शुरू हुआ तो कुछ छात्र-छात्राएं अपने घरों को चले गए। वर्तमान में करीब 16 छात्राएं ही हॉस्टल में हैं। हॉस्टल में ठहरी नेपाल मूल की पांच छात्राएं अपने घर जाने की तैयारी कर रही थीं। कोविड-19 के नियमानुसार स्वास्थ्य जांच करने के बाद ही किसी भी व्यक्ति को यात्रा करने की अनुमति मिलती है। शहर की एक निजी लैब में इन छात्रओं की जांच कराई गई, जिसमें एक छात्रा कोरोना पॉजिटिव निकली।
इसके बाद विवि प्रशासन ने तत्काल स्वास्थ्य विभाग को सूचना दी। छात्रा को दून अस्पताल में प्राइवेट वॉर्ड में भर्ती कराया गया। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ विवि प्रशासन ने छात्रावास में रहने वाली 15 छात्राएं, छह कर्मचारी, वॉर्डन और मेस के तीन कर्मचारियों सहित 24 लोगों को क्वारंटाइन कर दिया। इसके साथ ही हॉस्टल के ब्लॉक को सील कर दिया है। डीआइटी विवि के जनसंपर्क अधिकारी अक्षय घोरपड़े ने बताया कि ये छात्राएं लॉकडाउन के दौरान विवि के हॉस्टल में ही रहती थीं। विवि में बाहर से कोई व्यक्ति नहीं आ सकता है। स्वास्थ्य विभाग के नियमों का विवि में पूरी तरह पालन किया जा रहा है।
आयोग के प्रतिनिधि ने किया क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण
बालावाला स्थित संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में युवक के आत्महत्या मामले में नियुक्त मानवाधिकार आयोग के प्रतिनिधि हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज पुरोहित ने मंगलवार को क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया। अब वह 10 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष वीके बिष्ट को सौंपेंगे।
क्वारंटाइन सेंटर में युवक की आत्महत्या का मामला दो दिन बाद संज्ञान में आया था। प्रकरण का स्वत: संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने इसे लापरवाही माना था। क्वारंटाइन सेंटर की वस्तुस्थिति का आकलन करने के लिए आयोग के अध्यक्ष वीके बिष्ट की अध्यक्षता वाली संयुक्त पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता पुरोहित को अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया था। मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज पुरोहित ने उपजिलाधिकारी सदर गोपाल राम बिनवाल और रायपुर के थानाध्यक्ष के साथ क्वारंटाइन सेंटर का निरीक्षण किया। अब क्वारंटाइन सेंटर से संबंधित कुछ लोगों के बयान दर्ज करेंगे। वहीं, इस मामले में आयोग ने मुख्य सचिव, जिलाधिकारी, वरिष्ठ अधीक्षक व मुख्य चिकित्साधिकारी को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया है। प्रकरण में अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी।
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