निजी नर्सिंग कॉलेजों को मिलेंगे सरकारी अस्पताल
राज्य सरकार निजी नर्सिंग संस्थानों को पहाड़ चढ़ाने की तैयारी कर रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निजी क्षेत्रों को कई सहूलियत दी जाएंगी।
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: राज्य सरकार निजी नर्सिंग संस्थानों को पहाड़ चढ़ाने की तैयारी कर रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में नर्सिंग व पैरामेडिकल कॉलेज खोलने के लिए निजी क्षेत्रों को कई सहूलियत दी जाएंगी। उन्हें नर्सिंग कॉलेज के साथ अस्पताल खोलने को बाध्य नहीं होना पड़ेगा। सौ बिस्तर वाले सरकारी अस्पतालों की सुविधा उन्हें मुहैया कराई जाएगी।
दरअसल, राज्य में नर्सिंग और पैरामेडिकल क्षेत्र को और अधिक आकर्षक और रोजगारपरक बनाने के लिए नई नीति को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसके तहत नर्सिंग क्षेत्र में निजी क्षेत्र को इसेंशियलिटी सर्टिफिकेट देने और फिर आगे की सभी जटिल प्रक्रिया को सरल किया जाएगा। खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों में नए निजी नर्सिंग कॉलेजों को प्रोत्साहित करने पर सरकार जोर दे रही है। नर्सिंग पाठ्यक्रमों को रोजगार के नजरिये से मुफीद माना जा रहा है। सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों में प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ की बेहद कमी है। इसे देखते हुए निजी क्षेत्रों को प्रोत्साहित करने की योजना है। नई नीति में निजी क्षेत्र के लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू करने की पैरवी की गई है। नई नीति में यह भी व्यवस्था की जा रही है कि स्थान विशेष पर ही बड़ी संख्या में निजी नर्सिंग कॉलेजों को अनुमति न दी जाए। इसके लिए इसेंशियलिटी सर्टिफिकेट में ही जरूरी प्रावधान किए जाएंगे।
इसेंशियलिटी सर्टिफिकेट शासन से जारी होने से पहले स्टेट नर्सिंग काउंसिल और चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय कंसर्न लैटर जारी करेंगे। इसमें प्रस्तावित क्षेत्र में कितने नर्सिंग संस्थान हैं, नए संस्थान खोलने के औचित्य और रोजगार के अवसरों के बारे में स्थिति स्पष्ट की जाएगी। चिकित्सा शिक्षा सचिव नितेश झा ने बताया कि नर्सिंग और पैरामेडिकल कॉलेजों से संबंधित नीति को व्यापक और व्यावहारिक बनाया जा रहा है, ताकि युवाओं को रोजगार के अवसर मिल सकें।
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