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योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ 18 जून को निजी चिकित्सक करेंगे प्रदर्शन

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े राज्य के निजी चिकित्सक 18 जून को बाबा रामदेव पर कार्रवाई की मांग को लेकर अपने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन करेंगे। सभी आइएमए के चिकित्सक उस दिन काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और जिलाधिकारी व एसएसपी को ज्ञापन देंगे।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 04:02 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 04:02 PM (IST)
योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ 18 जून को निजी चिकित्सक करेंगे प्रदर्शन
आइएमए से जुड़े राज्य के निजी चिकित्सक 18 जून को बाबा रामदेव पर कार्रवाई की मांग को लेकप्रदर्शन करेंगे।

जागरण संवाददाता, देहरादून : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े राज्य के निजी चिकित्सक 18 जून को बाबा रामदेव पर कार्रवाई की मांग को लेकर अपने अस्पताल परिसर में प्रदर्शन करेंगे। आइएमए के प्रदेश महासचिव डॉ. अजय खन्ना ने बताया कि एलोपैथी डाक्टरों पर कई तरह के आरोप लगाने के बाद भी केंद्र व राज्य सरकार बाबा रामदेव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही हैं।

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इसे देखते हुए आइएमए ने राज्यभर में आंदोलन का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सभी आइएमए के चिकित्सक उस दिन काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और जिलाधिकारी व एसएसपी को ज्ञापन देंगे। इसके अलावा सांसद व विधायक को ज्ञापन देंगे। डॉ. खन्ना ने बताया कि आइएमए 18 जून को सुबह आठ बजे से लेकर शाम चार बजे तक ओपीडी बंद करने पर भी विचार कर रहा है।

मिनिस्टीरियल कर्मियों ने दी आंदोलन की चेतावनी

उत्तरांचल फेडरेशन आफ मिनिस्टीरियल सॢवसेज एसोसिएशन ने 11 सूत्रीय मांगों पर आवाज बुलंद कर दी है। शासन की उदासीनता पर नाराजगी जताते हुए कार्मिकों ने एक माह के भीतर आंदोलन की चेतावनी दी है।

फेडरेशन के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील दत्त कोठारी व प्रांतीय महासचिव पूर्णानंद नौटियाल ने कहा कि शासन स्तर पर मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। पूर्व में फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व वित्त सचिव सौजन्या से प्रमुख मांगों को लेकर वार्ता हुई थी। जिसमें कई बिंदुओं पर सहमति बनी थी, लेकिन आज तक कोई शासनादेश जारी नहीं किया गया।

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काॢमकों में बढ़ते आक्रोश को देखते हुए मिनिस्टीरियल फेडरेशन ने प्रदेशव्यापी चरणबद्ध आंदोलन को पुन: शुरू करने पर विचार किया है। कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम में सभी कार्मिकों ने पूर्ण सहयोग कर अपनी सेवाएं दी हैं, लेकिन दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारियों ने महामारी की आड़ में कार्मिकों की न्यायोचित मांगों पर शासनादेश जारी नहीं किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से अनुरोध किया है कि वह मांगों का संज्ञान लेते हुए शीघ्र शासनादेश जारी करने के निर्देश दें। कहा कि मिनिस्टीरियल कार्मिकों को पूर्व में एसीपी के अंतर्गत 10, 16 व 26 वर्ष की सेवा पर दिए गए लाभ को बंद कर उसकी वसूली करने के आदेश कर आंदोलन के लिए प्रेरित किया गया है।

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