Move to Jagran APP

ऐसा कोई अध्यक्ष नहीं, जो निशाने पर न रहा हो: प्रीतम

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में अभी तक कोई ऐसा अध्यक्ष नहीं बन पाया, जो निशाने पर न रहा हो अथवा उसके निशाने पर कोई अन्य नहीं रहा हो, मगर वे ऐसा नहीं करते।

By Edited By: Published: Thu, 26 Jul 2018 03:02 AM (IST)Updated: Fri, 27 Jul 2018 02:39 PM (IST)
ऐसा कोई अध्यक्ष नहीं, जो निशाने पर न रहा हो: प्रीतम
ऐसा कोई अध्यक्ष नहीं, जो निशाने पर न रहा हो: प्रीतम

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: प्रदेश कांग्रेस की मंगलवार की विस्तारित बैठक में घमासान के बाद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में अभी तक कोई ऐसा अध्यक्ष नहीं बन पाया, जो निशाने पर न रहा हो अथवा उसके निशाने पर कोई अन्य नहीं रहा हो, मगर वे ऐसा नहीं करते। 

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि अगर कोई गलती हुई होगी तो वह स्वयं में भी सुधार करेंगे। मीडिया के सवालों पर प्रीतम कभी रक्षात्मक तो कभी आक्रामक नजर आए। उन्होंने यह भी कहा कि अभी प्रदेश कार्यकारिणी नहीं बन पाई है तो क्यों हाय-तौबा मचाई जा रही है। कार्यकारिणी का गठन सबका सुझाव लेकर किया जाएगा। 

कांग्रेस की बीते रोज हुई बैठक में संगठन की गुटबाजी खुल कर सामने आई थी। प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह के सामने हरीश समर्थकों ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को निशाने पर लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हालांकि, मंगलवार को प्रदेश अध्यक्ष इस बारे में कुछ नहीं बोले। 

पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान पूछे गए सवालों पर उन्होंने कभी पार्टी में एकजुटता की बात कही तो आरोप लगाने वालों को नसीहत भी दे डाली। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में नाराजगी जैसी कोई बात नहीं थी, हर कोई अपनी बात रखने को स्वतंत्र था। 

उन्हें निशाने पर रखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहा है, जो निशाने पर न रहा हो। हालांकि उन्होंने किसी को न तो निशाने पर लिया और न ही किसी ने उन्हें। अगर अब उन्हें निशाने पर लेने का प्रयास कर रहे हैं तो बहुत सी बाते हैं। 

कार्यकारिणी विस्तार के सवाल पर उन्होंने कहा कि वे अपने साथियों से कहना चाहते हैं कि अभी सूत न कपास और जुलाहों में लठ्ठमलठ्ठ जैसी नैबत क्यों। अभी एआसीसी व पीसीसी के सदस्य चुने गए हैं। इनमें गोविंद सिंह कुंजवाल की भी सहमति ली गई थी। 

बीते रोज बैठक में प्रोटोकॉल को लेकर उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई प्रोटोकॉल नहीं होता। जो लोग प्रोटोकॉल की बात कर रहे हैं वे पहले अपने भीतर झांक कर देखें। प्रदेश में दो कानून मान्य नहीं गैरसैंण में सरकार द्वारा जमीन की खरीद फरोख्त की सीमा में छूट दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सरकार यदि खरीद-फरोख्त पर सीमा का प्रतिबंध हटा रही है तो सबका सुझाव लिया जाना चाहिए। पूरे प्रदेश के लिए एक नीति नहीं होनी चाहिए। 

देहरादून में जमीन खरीद के लिए एक तय सीमा और गैरसैंण में जमीन खरीद से प्रतिबंध हटाने संबंधी दो नीति नहीं चलेंगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस द्वारा गैरसैंण में किए गए विकास कार्यो के चलते ही वहां टाउनशिप विकसित करना सरकार की मजबूरी बन गई है।

यह भी पढ़ें: बागियों की घर वापसी को उत्तराखंड भाजपा पर बढ़ा दबाव

यह भी पढ़ें: देश के लिए खतरनाक है मोदी सरकार की रक्षा नीति

यह भी पढ़ें: एकजुटता को लेकर बुलाई बैठक में बिखरी कांग्रेस, दो धड़े आए आमने-सामने


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.