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प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद

प्रदेश की जेलों में कैदी ठूंस-ठूंस कर रखे जा रहे हैं। आलम यह है कि प्रदेश की 11 जेलों में कैदी रखने की क्षमता 3378 है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 08:06 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 08:06 PM (IST)
प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद
प्रदेश की जेलों में क्षमता से अधिक कैदी बंद

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश की जेलों में कैदी ठूंस-ठूंस कर रखे जा रहे हैं। आलम यह है कि प्रदेश की 11 जेलों में कैदी रखने की क्षमता 3378 है। इसके सापेक्ष इन जेलों में 5233 कैदी बंद हैं। यह संख्या निरंतर बढ़ रही है। वह इसलिए क्योंकि एक वर्ष पहले 4815 कैदी बंद थे। यानी एक वर्ष में 418 नए कैदी इन जेलों में भरे गए हैं।

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प्रदेश के 13 जिलों में से सात में ही जेल हैं। इनमें नैनीताल, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में दो-दो जेल हैं। हरिद्वार, देहरादून और केंद्रीय कारागार सितारगंज में कैदी रखने की क्षमता 500 से अधिक है, जबकि शेष की क्षमता 70 कैदी से लेकर 300 कैदी रखने तक की है। स्थिति यह है कि कोई भी जेल ऐसी नहीं हैं जहां निर्धारित संख्या में कैदी हों। हर जेल में डेढ़ से तीन गुना तक कैदी रखे गए हैं। इन कैदियों में 79 सिद्धदोष कैदी ऐसे भी हैं जो 2001 से ही इन जेलों में बंद हैं। जाहिर है कि ये सभी जघन्य अपराधों में सजा काट रहे हैं।

सदन में विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए सरकार ने जेल में बंद कैदियों के आंकड़े प्रस्तुत किए। सरकार ने अलग-अलग आंकड़े न देकर कैदियों की कुल संख्या का जिक्र करते हुए बताया कि राज्य के सभी जिलों में 5233 कैदी हैं। इनमें 3196 विचाराधीन और 2120 सिद्धदोष बंदी हैं। सरकार ने एक अन्य सवाल के जवाब में जानकारी दी कि राज्य की जेलों में सुरक्षा के दृष्टिगत आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए समय-समय पर यथासंभव कार्यवाही की जाती है।


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