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रैमकी कंपनी से करार तोड़ने की तैयारी, शीशमबाड़ा से उठ रही दुर्गंध बढ़ा रही संक्रमण का खतरा

देहरादून में शीशमबाड़ा से रोजाना उठ रही दुर्गंध और कूड़े का नियमित निस्तारण न होने की शिकायत पर नगर निगम ने रैमकी कंपनी से करार तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 01:24 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 01:24 PM (IST)
रैमकी कंपनी से करार तोड़ने की तैयारी, शीशमबाड़ा से उठ रही दुर्गंध बढ़ा रही संक्रमण का खतरा
रैमकी कंपनी से करार तोड़ने की तैयारी, शीशमबाड़ा से उठ रही दुर्गंध बढ़ा रही संक्रमण का खतरा

देहरादून, जेएनएन। कूड़ा निस्तारण प्लांट शीशमबाड़ा से रोजाना उठ रही दुर्गंध और कूड़े का नियमित निस्तारण न होने की शिकायत पर नगर निगम ने रैमकी कंपनी से करार तोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। कंपनी हर काम में फेल हो चुकी है और लगातार नोटिस के बावजूद सुधरने को तैयार नहीं। प्लांट से उठ रही दुर्गंध से क्षेत्र के करीब दस हजार ग्रामीणों का सांस लेना मुश्किल हो चुका है। इससे क्षेत्र में संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा। क्षेत्रीय सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर ने भी शुक्रवार को कुछ ग्रामीणों के साथ नगर निगम पहुंचकर प्लांट शिफ्ट करने या रैमकी कंपनी से करार तोड़ने की मांग की। इस पर महापौर सुनील उनियाल गामा ने मामले में नगर आयुक्त को निर्देश दिए कि अगर एक माह में कंपनी की कार्यशैली नहीं सुधरी तो रैमकी से प्लांट का संचालन वापस लेकर दूसरे विकल्प तलाश किए जाएं।

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कूड़ा निरस्तारण के लिए प्रदेश का पहला सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट शीशमाबाड़ा में बनाया गया है। ढाई साल पहले प्लांट शुरू हुआ था, लेकिन अब यह फेल साबित हो रहा। यहां कूड़ा निस्तारण के बजाए कूड़े के पहाड़ लगे हैं। ढाई साल में यहां दुर्गंध कम होने के बजाए और बढ़ गई और आसपास के ग्रामीणों का सांस लेना मुश्किल हो गया है। लगातार शिकायतों के बाद नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने निगम टीम समेत बीते दिनों प्लांट पहुंचकर जब निरीक्षण किया था, तो शिकायतें सही मिलीं। प्लांट में कूड़े और गंदगी के पहाड़ बन चुके हैं। इससे निकलने वाले गंदे जहरीले पानी 'लिचेड' के ट्रीटमेंट के लिए लगाया प्लांट भी बंद मिला।

इतना ही नहीं कूड़ा निस्तारण भी उचित तरीके से नहीं हो रहा, जितना कूड़ा प्लांट में जा रहा, उससे आधे का भी निस्तारण नहीं हो रहा। निगम की ओर से बीते दस दिनों में कंपनी को दो नोटिस जारी किए गए। इसके साथ ही कंपनी के मासिक भुगतान में भी पचीस फीसद कटौती के आदेश दिए गए, लेकिन कंपनी नहीं सुधर रही।

कैमिकल की दुर्गंध से ग्रामीण बेहाल

प्लांट से दुर्गंध को लेकर महापौर गामा ने कंपनी को एंजाइम छिड़काव करने के निर्देश दिए थे, लेकिन कंपनी कैमिकल डाल दुर्गंध दूर करने के प्रयास कर रही। इसके नतीजे और बुरे सामने आ रहे। प्लांट से कैमिकल की दुर्गंध उठने से वहां बाहर से जाने वाले राहगीरों का सांस लेना भी कष्टकारी होता जा रहा है।

..इस नरक से बचाओ साहब

शुक्रवार को नगर निगम पहुंचे ग्रामीणों ने नगर आयुक्त से हाथ जोड़कर आग्रह किया कि इस नरक से हमें बचाओ।

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इसलिए नहीं मिल रही एनओसी

रैमकी कंपनी का इतिहास दून में खराब रहा है। आइएसबीटी निर्माण में गुणवत्ता से समझौता और मनमानी के चलते सरकार ने कंपनी को कोई और निर्माण कार्य नहीं देने का निर्णय लिया था।

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