पुलिस उप निरीक्षक परीक्षा के लिए कंट्रोल रूम सीसीटीवी से लैस
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 23 फरवरी (रविवार) को होने वाली पुलिस दूरसंचार उप निरीक्षक की लिखित परीक्षा में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं।
By Edited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 08:24 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 02:19 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा के दौरान सामने आई कई गड़बड़ियों के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 23 फरवरी (रविवार) को होने वाली पुलिस दूरसंचार उप निरीक्षक की लिखित परीक्षा में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए हैं। दून के पांच परीक्षा केंद्र पर बनाए गए एक-एक कंट्रोल रूम में आयोग ने सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था कर ली है, जिससे प्रश्न पत्र खोलने और परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं को सील करते समय संबंधित परीक्षा अधिकारियों पर नजर रखी जा सके।
रविवार को देहरादून के पांच केंद्रों में पुलिस दूरसंचार उप निरीक्षक के 57 पदों के लिए 3076 अभ्यर्थी लिखित परीक्षा देंगे। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अनुसार परीक्षा रविवार को सुबह 10 बजे से शुरू होगी और 12 बजे तक चलेगी। परीक्षा के लिए केवल देहरादून में ही पांच परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, जो अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में बैठेंगे वह पहले शारीरिक परीक्षा पास का चुके हैं।
परीक्षा केंद्र, अभ्यर्थियों की संख्या
-एसजीआरआर पब्लिक स्कूल रेसकोर्स, (ब्लॉक-ए), 806
-एसजीआरआर पब्लिक स्कूल रेसकोर्स, (ब्लॉक-बी), 806
-एसजीआरआर पब्लिक स्कूल बिंदाल, (ब्लॉक-ए), 480
-एसजीआरआर पब्लिक स्कूल बिंदाल, (ब्लॉक-बी),480
-एसजीआरआर पब्लिक स्कूल निकट कालूमल धर्मशाला, 504
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि 23 फरवरी, रविवार को देहरादून के पांच केंद्रों में पुलिस दूरसंचार उप निरीक्षक की लिखित परीक्षा होगी। पांचों परीक्षा केंद्रों पर एक-एक कंट्रोल रूम बनाए गए हैं जिनमें आयोग की ओर से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों की मदद से परीक्षा संचालन पर नजर रखी जाएगी।
बेरोजगार संघ का विरोध जारी
फॉरेस्ट गार्ड परीक्षा के दौरान हाईटेक नकल के मामले सामने आने के बाद से उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। बेरोजगार शुक्रवार को भी परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर डटे रहे। संघ के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने कहा कि उनकी मांग है कि आयोग के अध्यक्ष व सचिव अपना पद छोड़ें और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाई जाए। उन्होंने कहा कि परीक्षा के दौरान लापरवाही बरतने वाले परीक्षा कक्ष के निरीक्षकों और प्रभारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
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