ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर नीट-जेईई की तैयारी, कई संस्थान उपलब्ध करा रहे ऑनलाइन ही स्टडी मैटेरियल
नीट और जेईई की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के पास अब सिर्फ दो ही महीने बचे हैं। ऐसे में एक ही विकल्प बचता है और वह है ऑनलाइन प्लेटफॉर्म।
देहरादून, जेएनएन। नीट और जेईई की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के पास अब सिर्फ दो ही महीने बचे हैं। नीट की परीक्षा 26 जुलाई को आयोजित होगी। जबकि जेईई मेन 18 से 23 जुलाई के बीच संपन्न होगी। ये दोनों ही प्रवेश परीक्षाएं इंजीनियरिंग और मेडिकल कोर्स में दाखिले के लिए सबसे अहम हैं। पर एक अड़चन यह है कि इस अहम घड़ी में तमाम कोचिंग संस्थान बंद हैं। ऐसे में एक ही विकल्प बचता है और वह है ऑनलाइन प्लेटफॉर्म। कई संस्थान ऑनलाइन ही स्टडी मैटेरियल उपलब्ध करा रहे हैं। साथ ही छात्रों की समस्याएं भी ऑनलाइन सुलझा रहे हैं।
आमतौर पर बोर्ड परीक्षाएं मार्च अंत तक खत्म हो जाती हैं। इसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं का दौर शुरू होता है। इंजीनियरिंग, मेडिकल समेत अन्य तमाम क्षेत्र से जुड़ी परीक्षाएं अप्रैल से मई के बीच होती हैं, पर इस बार कोरोना व लॉकडाउन के कारण परीक्षाएं आगे खिसक गई। इसका एक सकारात्मक पक्ष भी है। वह यह कि तैयारी के लिए छात्रों को अतिरिक्त समय मिल गया है।
वह इस दौरान अपने ज्ञान को और बेहतर ढंग से तराश सकते हैं। इस काम में विशेषज्ञ उनकी मदद भी कर रहे हैं। तमाम संस्थान अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ही छात्रों की तैयारी करवा रहे हैं। इसके लिए विषयवार लेक्चर तैयार किए गए हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्स एप, टेलीग्राम, जूम एप पर ग्रुप बनाकर छात्र और शिक्षक एक-दूसरे से जुड़े हैं। इससे छात्रों को कोई समस्या होती है तो उसका भी झट समाधान हो जाता है।
ये टिप्स भी आजमाएं..
- यह योजना बनाएं कि कौन सा मजबूत या कमजोर चैप्टर पहले करना और उसे कितना समय देना है।
- मॉक टेस्ट ऑनलाइन व ऑफलाइन नियमित रूप से कर सकते हैं।
- किसी भी विषय के रिवीजन के बाद कुछ देर ब्रेक जरूर लें।
- सुबह जल्दी या देर रात तक पढ़ाई करने का कौन सा समय बेहतर लगता है उस अनुसार शेड्यूल बनाएं।
- खानपान का खास ख्याल रखें और नींद भी पूरी ली।
- अनावश्यक रूप से चिंता करने के बजाए खुद का ध्यान पढ़ाई में लगाएं।
- स्वप्रेरित रहकर अपने कॉन्सेप्ट अच्छे से क्लियर करें और कंसिस्टेंट रहकर तैयारी करें।
विपिन बलूनी (एमडी, बलूनी क्लासेज) का कहना है कि छात्रों के पास भरपूर समय है। जरूरी है कि वह अपना नियमित शेड्यूल तय करें और अच्छी तरह अपने कॉन्सेप्ट डेवलप करें। किसी विषय में मुश्किल है तो यही समय है उससे पार पाने का। छात्र इसे अवसर समझे।
मनु पंत (सीईओ, अचीवर्ज क्लासेज) का कहना है कि आमतौर पर हर साल बोर्ड परीक्षाओं के साथ छात्रों को इंजीनियरिंग, मेडिकल की तैयारी करनी पड़ती थीं। इस बार निश्चित तौर पर कुछ पेपर बचे हुए हैं, लेकिन फिर भी तैयारी को लंबा समय मिल गया है। छात्रों को सकारात्मक सोच के साथ तैयारी करनी चाहिए।
वैभव राय (एमडी, वीआर क्लासेज) का कहना है कि इंजीनियरिंग, मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी को लेकर छात्र लंबे वक्त से असमंजस में थे। अब क्योंकि सरकार ने समय से काफी पहले ही तिथियों की घोषणा कर दी है, इसलिए यह छात्रों के लिए अच्छा अवसर है। वह शेड्यूल बनाकर तैयारी में जुट जाएं।
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डीके मिश्र (निदेशक, अवरिल क्लासेज) का कहना है कि इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए यह एक अच्छा मौका है। उन्हें तैयारी के लिए अतिरिक्त समय मिला है। वह टाइम टेबल बनाकर परीक्षाओं की तैयारी में जुट जाएं।
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