पंत ने जीएसटी काउंसिल में उठाए एमएसएमई के मुद्दे
वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सेक्टर की समस्याओं के समाधान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डेढ़ करोड़ टर्न ओवर वाले व्यापारियों को सीजीएसटी 100 फीसद, आइजीएसटी 50 फीसद प्रतिपूर्ति का प्रावधान काउंसिल में लाया जाना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) सेक्टर की समस्याओं के समाधान पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि डेढ़ करोड़ टर्न ओवर वाले व्यापारियों को सीजीएसटी 100 फीसद, आइजीएसटी 50 फीसद प्रतिपूर्ति का प्रावधान काउंसिल में लाया जाना चाहिए।
नई दिल्ली में विज्ञान भवन में शनिवार को वित्त मंत्रालय की ओर से आयोजित जीएसटी काउंसिल की 29वीं बैठक में वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने राज्य के एमएसएमई सेक्टर के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि औद्योगिक पैकेज का लाभ लेने वाली यूनिट को औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआइपीपी) के तहत पूरा क्लेम नहीं मिला है। इसमें 837 करोड़ में से मात्र रुपये 314 करोड़ रुपये दिया गया है। शीघ्र ही अवशेष राशि भी मिलेगी। वित्त मंत्री ने सुझाव दिया कि आइसक्रीम निर्माताओं को समाधान योजना के तहत लाया जाना चाहिए। वर्तमान में इन्हें इस योजना से बाहर रखा गया है। इसके अतिरिक्त अनब्रांडेड नमकीन को भी 12 से पांच फीसद में लाने की पैरवी की गई।
वित्त मंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि जीएसटी जमा करने के लिए आरबीआइ में पंजीकृत सभी बैंकों में सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। वर्तमान में मात्र 14 बैंकों में यह सुविधा उपलब्ध है। फार्म की जटिलता के कारण एमएसएमई सेक्टर की कुछ कंपनी रिटर्न दाखिल नहीं कर पाई हैं। उन्हें वनटाइम सेटलमेंट के तहत विलंब शुल्क की छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जीएसटी और आयकर की ऑडिट रिपोर्ट को विलय किया जाएा, इससे व्यापारियों के समय व धन दोनों की बचत होगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी कॉमन सेंटर में ऑफलाइन मैनुअल रिटर्न्स दाखिल करने की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने एमएसएमई की ओर से किए जा रहे जॉब वर्क के लिए राज्य के भीतर ई-वे बिल की अनिवार्यता को समाप्त करने की पैरवी भी की। बैठक में राज्य कर आयुक्त सौजन्या व संयुक्त आयुक्त राकेश वर्मा समेत कई अधिकारी मौजूद थे।