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संगठनों के साथ कर्मचारी भी हक के लिए गरजे, निजीकरण के खिलाफ ऊर्जा कर्मियों ने किया प्रदर्शन

केंद्र सरकार के विद्युत संशोधन बिल और अन्य मांगों को लेकर ऊर्जा कर्मियों ने प्रदेशभर हल्ला बोला। सभी कार्यालयों में सांकेतिक कार्य बहिष्कार के बाद कर्मियों ने जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। देहरादून में ऊर्जा निगम मुख्यालय पर कर्मचारी देर शाम तक धरने पर डटे रहे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 04 Feb 2021 10:18 AM (IST)Updated: Thu, 04 Feb 2021 10:18 AM (IST)
संगठनों के साथ कर्मचारी भी हक के लिए गरजे, निजीकरण के खिलाफ ऊर्जा कर्मियों ने किया प्रदर्शन
निजीकरण के विरोध में ऊर्जा निगम मुख्यालय में बुधवार को कर्मचारियों ने सांकेतिक कार्य बहिष्कार कर प्रदर्शन किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून। केंद्र सरकार के विद्युत संशोधन बिल और अन्य मांगों को लेकर ऊर्जा कर्मियों ने प्रदेशभर हल्ला बोला। सभी कार्यालयों में सांकेतिक कार्य बहिष्कार के बाद कर्मियों ने जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया। देहरादून में ऊर्जा निगम मुख्यालय पर कर्मचारी देर शाम तक धरने पर डटे रहे। इसके बाद निदेशक मानव संसाधन को ज्ञापन सौंपा गया। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने शीघ्र उचित कार्रवाई न होने पर वृहद आंदोलन की चेतावनी दी है।

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बुधवार को प्रदर्शन के दौरान मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि नेशनल कोऑर्डिनेट कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इंप्लॉयी एंड इंजीनियर्स के देशव्यापी आह्वान पर समस्त विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के लिए बनाए गए स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का कार्मिकों ने कड़ा विरोध किया जा रहा है। जिसके तहत राज्य के समस्त अभियंताओं व कर्मचारियों की ओर से सांकेतिक कार्य बहिष्कार कर ऊर्जा निगम मुख्यालय मे प्रदर्शन किया गया।

मोर्चा ने उत्तराखंड शासन व तीनों ऊर्जा निगमों में पूर्व की भांति सातवें वेतनमान आयोग में 9-14-19 वर्षो पर समयबद्ध एसीपी देने की मांग की है। ऊर्जा निगम में कई वर्षो से लंबित टीजी-2 से अवर अभियंता के पदों पर शीघ्र पदोन्नति की भी मांग उठाई गई। इस दौरान मोर्चे की ओर से छह सूत्रीय मांगपत्र ऊर्जा निगम के निदेशक (मानव संसाधन) के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा गया। साथ ही कार्मिकों ने ऊर्जा निगम के निदेशक को विभिन्न समस्याओं से अवगत करा समाधान की मांग की। जिस पर निदेशक ने मोर्चे को आश्वस्त किया कि मांगों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान राकेश शर्मा, प्रदीप कंसल, कार्तिकेय दुबे, अमित रंजन, सौरभ पांडेय, पंकज सैनी, पीपी शर्मा, विनोद कवि, डीसी ध्यानी आदि शामिल रहे।

जूनियर इंजीनियर्स भी भड़के

उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने भी विद्युत संशोधन बिल और ऊर्जा निगमों के निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के प्रांतीय महासचिव नितिन कुमार तिवारी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कर्मचारी पिटकुल मुख्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने छह सूत्री मांग पत्र भी मुख्यमंत्री को प्रेषित किया। साथ ही शीघ्र उचित कार्रवाई न होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी।

सुराज सेवा दल ने किया जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय का घेराव

सुराज सेवा दल ने शिक्षा विभाग पर गरीब छात्रों की फीस माफ न करने का आरोप लगाया है। दल के कार्यकर्त्‍ताओं ने बुधवार को मयूर विहार स्थित जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया। केंद्रीय अध्यक्ष रमेश जोशी के नेतृत्व में कार्यकर्त्‍ताओं ने बेसिक शिक्षा अधिकारी आरएस रावत को ज्ञापन सौंपा। जोशी ने कहा कि विद्यालयों में 25 फीसद गरीब छात्रों को निश्शुल्क शिक्षा देने का प्रविधान है, लेकिन इसका पालन नहीं किया जा रहा है। जोशी ने मांग की है कि सरकारी पदों पर कार्यरत समस्त नौकरशाहों व जनप्रतिनिधियों को अपने बच्चों को अनिवार्य रूप से सरकारी विद्यालयों में पढ़ाना चाहिए। महानगर अध्यक्ष मनोज खैरवाल ने कहा कि विद्यालयों में फीस के नाम पर अभिभावकों का शोषण हो रहा है। दल की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष राधिका प्रताप ने जल्द शिक्षा का स्तर व फीस का ढांचा सुधारने की मांग की। इस दौरान पूजा नेगी, सुनीता ठाकुर, अनीश कुमार, पूनम देवी, गोविंद कुमार आदि शामिल रहे।

सेवादल ने महंगाई के विरोध में दिया धरना

प्रदेश कांग्रेस सेवा दल ने क्लेमेनटाउन में केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ महंगाई को लेकर धरना दिया। इस अवसर पर दल के प्रदेश सचिव व महानगर प्रभारी पीयूष गौड़ ने कहा कि भाजपा सरकार देश व प्रदेश में महंगाई पर ध्यान नहीं दे रही है। बजट में गरीबों, मजदूरों, किसानों, औद्योगिक इकाइयों के कामगार व प्रदेश में बेरोजगारों को धोखा देने का काम किया है। सरकारी संपत्तियों को लगातार पूंजीपतियों को सौंपने से देश में एक भय का माहौल है।

इस बार के बजट में कर्मचारियों का कोरोनाकाल की वजह से फ्रीज किए गए डीए के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिससे कर्मचारी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। रसोई गैस, डीजल, पेट्रोल, दलहन व आम जनता से जुड़ी रोजमर्रा की वस्तुएं लगातार महंगी हो रही हैं। खेती व अन्य खाद्य वस्तुओं पर सेस लगाने से किसानों को महंगाई ङोलनी पड़ेगी। प्रदर्शन में सेवादल के महानगर सचिव अशोक मल्होत्र, सतनाम सिंह, संयुक्त सचिव महानगर सुदामा सिंह, अब्दुल, विनीत कुमार व सदस्य नरेंद्र सूद, उमेश यादव, भूपेंद्र धीमान, सेवादल वार्ड 78 के अध्यक्ष विजेंद्र कनौजिया, उपाध्यक्ष रामजीलाल, सचिव किशन मौजूद रहे।

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