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उत्‍तराखंड : ऊर्जा निगम ने नार्दर्न एक्सचेंज से 2.7 एमयू बिजली खरीदी, 1.6 एमयू अब भी कम

देश में कोयला संकट के चलते उत्तराखंड में भी बिजली किल्लत का खतरा होने लगा है। अभी उत्तराखंड में स्थिति विकट नहीं हुई है। ऊर्जा निगम बिजली आपूर्ति सामान्य बनाए रखने के लिए प्रयास कर रहा है। निगम ने नार्दर्न एक्सचेंज से 2.7 एमयू बिजली खरीदी है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 13 Oct 2021 08:43 AM (IST)Updated: Wed, 13 Oct 2021 08:43 AM (IST)
उत्‍तराखंड : ऊर्जा निगम ने नार्दर्न एक्सचेंज से 2.7 एमयू बिजली खरीदी, 1.6 एमयू अब भी कम
देश में उपजे कोयला संकट के बीच उत्तराखंड में भी बिजली किल्लत का खतरा मंडरा रहा है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। देश में उपजे कोयला संकट के बीच उत्तराखंड में भी बिजली किल्लत का खतरा मंडरा रहा है। गनीमत है कि फिलहाल उत्तराखंड में स्थिति विकट नहीं हुई है। बिजली आपूर्ति सामान्य बनाए रखने के लिए ऊर्जा निगम भी अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। मंगलवार को निगम ने नार्दर्न एक्सचेंज से 2.7 मिलियन यूनिट (एमयू) बिजली खरीदी। हालांकि, इसके बावजूद प्रदेश में 1.6 एमयू की कमी बरकरार रही। जिसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कटौती की गई। प्रदेश में 41.3 एमयू की डिमांड के सापेक्ष उपलब्धता 39.7 एमयू रही।

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उत्तराखंड में भी बिजली संकट मंडरा रहा है। यहां नदियों के जलस्तर में गिरावट आने से जल विद्युत परियोजनाओं से उत्पादन भी घटने लगा है। वहीं, केंद्रीय पूल से आवंटित होने वाले कोटे की भी पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। इसके अलावा प्रदेश में बिजली आपूर्ति को लेकर यह भी चुनौती है कि केंद्रीय पूल से अतिरिक्त बिजली खरीदना ऊर्जा निगम के लिए मुश्किल हो गया है। राष्ट्रीय स्तर पर बिजली के दामों में हुई बढ़ोत्तरी के कारण पर्याप्त बिजली नहीं खरीदी जा रही है। हालांकि, मंगलवार को ऊर्जा निगम ने राष्ट्रीय एक्सचेंज से करीब साढ़े सात रुपये प्रति यूनिट की दर से 2.7 एमयू बिजली खरीदी। इसके अधिक दर पर बिजली खरीद निगम के लिए संभव नहीं है।

यह रही प्रदेश की स्थिति

  • कुल मांग-41.3 एमयू
  •  कुल उपलब्धता-39.7 एमयू
  • कमी-1.6 एमयू
  • यूजेवीएन का उत्पादन-18.4 एमयू
  • अन्य स्रोत से उपलब्धता-1.2 एमयू
  • केंद्रीय कोटे से उपलब्धता-14.2 एमयू
  • केंद्रीय एक्सचेंस से खरीद-2.7 एमयू

जिंदल व टाटा पावर से 3.2 एमयू बिजली मिली

ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता (संचालन) गौरव शर्मा ने बताया कि जिंदल पावर प्लांट से 2.4 एमयू (100 मेगावाट) व टाटा पावर से 1.8 एमयू का अनुबंध अक्टूबर के लिए किया गया था। हालांकि, अनुबंध के सापेक्ष मंगलवार को बिजली नहीं मिल सकी। जिंदल पावर प्लांट से 2.4 एमयू बिजली मिली है, जबकि टाटा पावर से महज 0.8 एमयू बिजली ही प्राप्त हुई। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही टाटा पावर से भी 1.8 एमयू बिजली मिलने लगेगी।

ग्रामीण इलाके बिजली कटौती से हलकान

प्रदेश में बिजली की कमी के चलते ऊर्जा निगम कई इलाकों में अघोषित कटौती कर रहा है। शहरों में जहां रोजाना एक से डेढ़ घंटे बिजली काटी जा रही है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में चार से छह घंटे कटौती की जा रही है। हरिद्वार के करीब साढ़े तीन सौ गांवों में मंगलवार को करीब पांच घंटे बिजली गुल रही। इसके अलावा ऊधमसिंह नगर, देहरादून, रुड़की और हल्द्वानी में कई इलाकों में बिजली कटौती की गई। औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति सुचारू बनाए रखने का प्रयास किया जा रहा है।

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