आइपीएस अपर्णा कुमार के दक्षिणी ध्रुव के अभियान पर डाक टिकट जारी
दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली पहली आइपीएस अधिकारी एवं डीआइजी आइटीबीपी अपर्णा कुमार के सम्मान में डाक विभाग ने विशेष डाक कवर जारी किया है।
देहरादून, जेएनएन। दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली पहली आइपीएस अधिकारी एवं डीआइजी आइटीबीपी अपर्णा कुमार के सम्मान में डाक विभाग ने विशेष डाक कवर जारी किया है। सीमाद्वार स्थित आइटीबीपी परिसर में अंतरराष्ट्रीय पर्वतीय दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इसका अनावरण किया। उन्होंने अपर्णा को न केवल महिला सशक्तिकरण, बल्कि संपूर्ण मानव जाति के लिए मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि अपर्णा उन लोगों के लिए एक उदाहरण हैं, जो अपनी बेटियों को बराबरी का दर्जा नहीं देते।
बता दें, जून 2019 में अपर्णा कुमार उत्तरी अमेरिका महाद्वीप के अलास्का में स्थित सर्वोच्च चोटी माउंट डेनाली पर तिरंगा फतह करने के साथ ही सातों महाद्वीपों की सर्वोच्च चोटियों पर भारत का झंडा लहराने वाली प्रथम पुलिस अधिकारी बनी थीं। 13 जनवरी 2019 को दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली प्रथम आइपीएस अधिकारी होने का गौरव भी उन्हें ही प्राप्त है। उनका अगला लक्ष्य 2020-21 में उत्तरी ध्रुव में तिरंगा लहराकर एक्सक्लूसिव क्लब में प्रवेश करना है, इस कामयाबी के बाद वह इस क्लब में पहुंचने वाली पहली महिला सिविल सर्वेंट व आइपीएस अधिकारी बन जाएंगी। हाल ही में उन्हें तेंजिंग नोर्गे पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए डाक विभाग ने उनके सम्मान में एक विशेष डाक कवर रिलीज किया। यह उनके दक्षिणी ध्रुव के अभियान पर आधारित है।
अपर मुख्य सचिव ने अपर्णा को बधाई देते हुए कहा कि उनकी इस सफलता से हम सभी गौरान्वित हैं। अपर्णा ने दिखा दिया है कि बेटियां की किसी से कम नहीं हैं। कहा कि अगर बेटियों को भी मौका मिले तो वह भी बहुत कुछ कर सकती हैं। इस दौरान उन्होंने आइटीबीपी की भी जमकर प्रशंसा की। कहा कि बेहद सीमित संसाधनों में आइटीबीपी बेहतर कार्य कर रही है। खासकर आपदा केसमय उनका काम सबसे बेहतर रहता है। इस दौरान निदेशक डाक विभाग सुनील राय ने कहा कि अपर्णा ऐसी लीडर हैं, जो अपने फॉलोवर नहीं, बल्कि लीडर तैयार करती हैं।
इस दौरान डीआजी आइटीबीपी नीलाभ किशोर, पर्वतारोही पद्मश्री सोनम पल्जोर, डीआइजी ईश्वर सिंह दुहन, अशोक कुमार, ऊर्जा निगम की सर्तकता इकाई की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवेदिता कुकरेती, पीके गोयल, सेनानी अनिल कुमार फूल, सेनानी अशोक कुमार गुप्ता सहित आइटीबीपी के वरिष्ठ सेवारत, सेवानिवृत्त अधिकारी व जवान मौजूद थे।
संघषों ने दिया बढ़ते रहने का हौसला
बंगलुरु निवासी अपर्णा ने जिंदगी में तमाम-उतार चढ़ाव देखे हैं। बालपन में ही पिता का साया सिर से उठ गया था, ऐसे में घर की पूरी जिम्मेदारी उनकी मां के कंधों पर आ गई। बताती हैं कि स्वास्थ्य विभाग में कर्मचारी रहीं मां अश्विनी ने उनकी परवरिश में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिंदगी के तमाम संघषों ने अपर्णा को मजबूती के साथ आगे बढ़ना सिखाया। वह नेशनल लॉ स्कूल बंगलुरु से लॉ ग्रेजुएट हैं।
हिमशिखरों की दास्तां सुनकर बदला जिंदगी का रुख
अपर्णा 2012 में 9वीं बटालियन पीएसी मुरादाबाद में कमान्डेंट थीं। आइटीबीपी से पहले यही बटालियन चीन सीमा की निगहबानी करती थी। ऊंचे हिमशिखरों से जुड़ा इसका एक स्वर्णिम इतिहास है। उन्हें भी इस बारे में कई साहसिक किस्से-कहानियां सुनने को मिलीं। पर्वतारोहण के उपकरण, विभिन्न अभियानों से जुड़े किस्सें व हिमशिखरों की दास्तान सुनकर जिंदगी का रुख बदल गया। उनकी जिज्ञासा बढ़ती गई। वह खेलों में अच्छी थीं, सो सोचा क्यों न पर्वतारोहण में भी प्रयास किया जाए। एक बार कदम बढ़ाए तो फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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यहां फहराया तिरंगा
अपर्णा कुमार ने जिन शिखर पर झंडा फहराया है, उनमें माउंट एवरेस्ट (एशिया), माउंट किलिमंजारों (तंजानिया, अफ्रीका), माउंट एल्ब्रस (यूरोप), कार्सटेंस पिरामिड (इंडोनेशिया), विन्सन मैसिफ (अंटार्कटिका), माउंट एकांकागुआ (दक्षिणी अमेरिका), माउंट डेनाली (अलास्का) शामिल हैं। वह दक्षिणी ध्रुव पर भी तिरंगा फहरा चुकी हैं। अब उनका अगला लक्ष्य उत्तरी ध्रुव है।
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