राजकीय शिक्षकों पर चढ़ा चुनावी रंग, चार महीने पहले ठोकी दावेदारी
शिक्षकों पर राजनीति का चस्का इस कदर हावी होने लगा है कि राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के चुनाव के लिए चार महीने पहले ही दावेदारी शुरू हो गई है।
देहरादून, जेएनएन। शिक्षकों पर राजनीति का चस्का इस कदर हावी होने लगा है कि राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के चुनाव के लिए चार महीने पहले ही दावेदारी शुरू हो गई है। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर शिक्षकों ने प्रचार भी शुरू कर दिया था। दावेदारों को समर्थन भी मिल रहा है।
दो वर्ष पहले राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारिणी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ चुके रुद्रप्रयाग जिले के शिक्षक शिव सिंह नेगी ने इस बार महामंत्री पद के लिए दावेदारी ठोकी है। सोमवार को श्रीनगर गढ़वाल के सरस्वती शिशु मंदिर में उनकी चुनावी दावेदारी को समर्थन देने के लिए बड़ी संख्या में शिक्षक भी पहुंचे। प्रांतीय कार्यकारिणी में महामंत्री पद के लिए पर्वतीय जिलों से शिव सिंह नेगी अकेले दावेदार माने जा रहे हैं। बैठक की अध्यक्षता पूर्व मंडलीय संयुक्त मंत्री गढ़वाल प्रवेश चमोली ने की।
बता दें, हाल में ही वर्तमान प्रांतीय कार्यकारिणी ने अपना कार्यकाल एक शैक्षणिक सत्र के लिए बढ़ा दिया है। प्रदेश भर में इसका विरोध भी हो रहा है। ऐसे में अभी से शिव सिंह नेगी की दावेदारी अहम मानी जा रही है।
बैठक में शिक्षक संघ के रुद्रप्रयाग से पूर्व जनपद मंत्री कुलदीप कंडारी ने अन्य शिक्षकों से उनके लिए समर्थन मांगा। मंडलीय प्रवक्ता जसपाल गुसाईं, शैलेंद्र तिवारी, ब्लॉक अध्यक्ष कीर्तिनगर राजेश सेमवाल, ब्लॉक मंत्री महेंद्र बगवाल, रविंद्र रावत, टीका प्रसाद डिमरी, कमलेश बलूनी समेत अन्य कई सक्रिय शिक्षकों ने उनको समर्थन देते हुए पर्वतीय जिलों के प्रतिनिधि के तौर पर चुनने के अपील की।
शिक्षालयों की बेहतरी के लिए समर्पित भाव से काम
संघ के पूर्व मंडलीय मंत्री शिव सिंह नेगी के अनुसार, दो दशक से अधिक समय से शिक्षक समस्याओं के समाधान के साथ संगठन की मजबूती के लिए काम कर रहा हूं। मेरा उद्देश्य सदैव शिक्षक, शिक्षार्थी और शिक्षालयों की बेहतरी के लिए समर्पित भाव से कार्य करना है।
कार्यकारिणी की बैठक के बाद तय होगी चुनाव तिथि
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने बताया कि सोमवार को शिक्षा सचिव के साथ बैठक नहीं हो सकी। हर शिक्षक को मत का अधिकार देने को लेकर यह बैठक होनी थी। बताया कि चुनाव के लिए अभी प्रांतीय कार्यकारिणी में बैठक होगी। इसके बाद चुनाव की तिथि घोषित की जाएगी। प्रांत के बाद, जिलों और ब्लॉक के चुनाव भी कराए जाएंगे।
शीतकालीन अवकाश में ही कराने होंगे शिक्षकों को चुनाव
राजकीय शिक्षक संघ को अपने जिला और ब्लॉक स्तरीय चुनाव शीतकालीन अवकाश में ही संपन्न कराने होंगे। इसके लिए संगठन से जुड़े शिक्षकों को अलग से अवकाश नहीं दिया जाएगा। इस बाबत शिक्षा निदेशालय ने संघ को पत्र जारी कर दिया है।
अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल ने राजकीय शिक्षक संघ को पत्र जारी करते हुए जिला और ब्लॉक स्तर के चुनाव शीतकालीन अवकाश में ही आयोजित करने का आदेश दिया। उन्होंने पत्र में कहा है कि चुनाव में अतिरिक्त छुट्टियां देने से छात्रों की पढ़ाई बाधित होगी। साथ ही उन्होंने यह आदेश उच्च स्तर से मिलने की बात भी कही है।
वहीं, अपर निदेशक के आदेश का विरोध भी शुरू हो गया है। संघ के प्रांतीय कार्यकारिणी के उपाध्यक्ष मुकेश प्रसाद बहुगुणा ने कहा कि इस आदेश का विरोध किया जाएगा। दो साल पहले भी ऐसा आदेश जारी हुआ था, जिसे बाद में निदेशालय को वापस लेना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि जब अन्य संगठनों को अधिवेशन के लिए अवकाश मिल सकता है तो हमें क्यों नहीं। शिक्षक संगठन के प्रतिनिधियों का कहना है कि अधिवेशनों के लिए छुट्टी देना पहले से तय है। अचानक ऐसा आदेश जारी करने का कोई औचित्य नहीं है।
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चुनाव में भी पेंच
अपर निदेशक का आदेश जारी होने के बाद संघ के चुनावों में भी पेंच फंस गया है। संघ ने चुनाव संविधान में बदलाव का प्रस्ताव शिक्षा सचिव को दिया है। इस पर अभी शिक्षा सचिव की मुहर लगना बाकी है। अगर हर शिक्षक को वोट का अधिकार मिल जाता है तो नए संविधान के अनुसार जिले और ब्लॉक से पहले संघ को प्रांतीय कार्यकारिणी के चुनाव भी इसी अवकाश के दौरान कराने होंगे।
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