अन्य राज्यों से घर लौटे प्रवासियों पर टिकी सियासी दलों की नजरें
अन्य राज्यों से घर वापस लौटे प्रवासी उत्तराखंडियों पर राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं। सियासी दल इन्हें अपने वोट बैंक के रूप में अपने पक्ष में करने को बेकरार नजर आ रहे हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। कोरोना के कारण देश के अन्य राज्यों से घर वापस लौटे प्रवासी उत्तराखंडियों पर राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हुई हैं। इनकी बड़ी संख्या को देखते हुए सियासी दल इन्हें अपने वोट बैंक के रूप में अपने पक्ष में करने को बेकरार नजर आ रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा इनके लिए स्वरोजगार व रोजगारपरक योजनाएं शुरू कर रही है, तो वहीं कांग्रेस इनकी समस्याओं को उठा कर इन्हें अपने पक्ष में ध्रुवीकृत करने का प्रयास कर रही है।
कोरोना के कारण लागू हुए लॉकडाउन का असर पूरे देश में देखने को मिला है। दूसरे राज्यों में रोजी रोटी की तलाश में गए लोग अब अपने राज्यों को वापस लौटने लगे हैं। अनलॉक वन शुरू होने के बाद उत्तराखंड में भी बड़ी संख्या में प्रवासियों ने वापसी की है। अभी तक साढ़े तीन लाख से अधिक लोग वापस आ चुके हैं। इनमें होटल, सेवाक्षेत्र, औद्योगिक इकाइयों और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कार्यरत लोगों की संख्या सबसे अधिक है। इनमें से अधिकांश अब वापस नहीं जाना चाहते।
ये सभी लोग प्रदेश से बाहर रहे हैं, इस कारण किसी पार्टी विशेष की विचारधारा से जुड़े हुए नहीं हैं। यही कारण भी है कि वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर हर पार्टी इन्हें अपने से जोड़ना चाहती है। अब चाहे वह सत्तारूढ़ भाजपा हो, विपक्ष कांग्रेस हो या फिर अन्य राजनीतिक दल। भाजपा ने केंद्र सरकार के निर्देशों पर घर वापस आने वालों के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रमुख है। इसके अलावा सभी विभागों से प्रवासियों को केंद्र में रखते हुए योजना बनाने को कहा गया है।
यह भी पढ़ें: भाजपा सेवा कार्यों की बनाएगी डिजिटल बुक : बंशीधर भगत
वहीं, कांग्रेस लॉकडाउन खुलने के बाद से ही प्रवासियों के मसले पर सरकार पर हमलावर रही है। चाहे वह क्वारंटाइन सेंटरों के इंतजाम का मामला हो या फिर इन्हें दूसरे प्रदेशों से लाने का। कांग्रेस ने सरकार पर बदइंतजामी के साथ ही इन्हें घर वापस लाने में लापरवाही तक का आरोप लगाया। अब कांग्रेस मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को लेकर भी सरकार को निशाने पर रखे हुए है। वहीं, उत्तराखंड क्रांति दल भी इन प्रवासियों के हितों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है।
यह भी पढ़ें: Mission 2022: पूर्व सीएम हरीश रावत बोले, बागी माफी मांगें तो पार्टी में वापसी संभव