सुविधा एप की दुविधा से बच रहे राजनीतिक दल, पढ़िए पूरी खबर
सुविधा एप की दुविधा से राजनीतिक पार्टियां बच रही हैं। दून में राजनीतिक दलों ने अभी तक चुनाव से जुड़ी 82 अनुमति ली हैं। लेकिन एक भी एप के माध्यम से नहीं।
देहरादून, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में किसी भी प्रकार की अनुमति लेने के लिए बनाए गए सुविधा एप की दुविधा से राजनीतिक पार्टियां बच रही हैं। दून में राजनीतिक दलों ने अभी तक चुनाव से जुड़ी 82 अनुमति ली हैं। मगर, एक भी अनुमति सुविधा एप के मार्फत नहीं ली गई है। अधिकांश अनुमति संबंधित क्षेत्र के सहायक निर्वाचन अधिकारियों से पत्र लिखकर ली जा रही है। इससे सुविधा एप चुनाव में शोपीस बनकर रह गया है।
आयोग ने लोकसभा चुनाव में कई कामों को डिजिटल किया है। इसमें चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की सुविधा एवं काम को आसान करने के लिए सुविधा एप भी शामिल है। आयोग की मंशा थी कि चुनाव से जुड़ी किसी भी प्रकार की अनुमति के लिए अफसरों के चक्कर लगाने की बजाय राजनीतिक पार्टी घर बैठे अपने चुनावी प्रचार, बैठकें एवं दूसरे आयोजनों की अनुमति लें। इसके लिए सुविधा एप पर प्रार्थनापत्र अपलोड कर तय समय के भीतर अनुमति दिए जाने का प्रावधान किया गया।
मगर, राजनीतिक दल एप में प्रार्थना पत्र डाउनलोड करने, फिर निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर के चक्कर काटने के दोहरे काम की दुविधा से बच रहे हैं। ऐसे में जब हार्ड कॉपी लेने जाना ही है तो अनुमति के लिए भी हार्ड कॉपी दी जा रही है। जिससे सुविधा एप सिर्फ खानापूर्ति बनकर रह गया है। हालांकि कुछ एआरओ ने ऑफलाइन अनुमति पत्र मिलने के बाद इसे सुविधा एप में डाले जाने की बात कही है।
अपर जिलाधिकारी प्रशासन रामजीशरण ने बताया कि सुविधा एप में अनुमति तय नियमों के अनुसार जारी होनी है। प्रत्याशियों के प्रतिनिधि तत्काल अनुमति की मांग कर रहे हैं। ऐसे में सुविधा एप की बजाय लोग ऑफलाइन अनुमति ले रहे हैं।
किसने कितनी अनुमति मांगी
भाजपा, 19
कांग्रेस, 13
गोपालमणि, 12
सीपीएम, 08
यूकेडी, 05
अन्य दल, 15
व्यक्तिगत, 10
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