अब कश्मीरी नागरिकों पर करीब से नजर रखेगी पुलिस, ये है वजह
देहरादून में पढ़ार्इ और रोजगार के लिए आने वाले कश्मीर के नागरिकों पर पुलिस अब बारीकी से नजर रखेगी। साथ ही आतंकी बने पुराने छात्रों की कुंडली खंगालेगी।
देहरादून, [जेएनएन]: कश्मीर से पढ़ाई और रोजगार के लिए दून आने वालों पर पुलिस अब पैनी नजर रखेगी। खासकर सोशल मीडिया और सर्विलांस की मदद से उनकी नजदीक से हर गतिविधियां देखी जाएगी। आतंकवादी बने पुराने छात्रों की कुंडली खंगालते हुए उनके लिंक, नेटवर्क और आतंकियों के संपर्क में आने के प्रमुख कारणों को तलाशा जाएगा।
कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को देखते हुए परिजन अपने बच्चों को दून की शांत वादियों में रोजगार और पढ़ाई के लिए भेजते हैं। मगर आतंकी यहां पढ़ने वाले कश्मीरियों का ब्रेन वॉश करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यही कारण है कि अब तक आधा दर्जन ऐसे छात्र जो आतंकवादी संगठन से जुड़े चुके हैं, उनका लिंक दून से जुड़ा हुआ है।
शोएब, दानिश, आलम, गुलाम नवी, समीर जैसे कई ऐसे नाम हैं जो दून से कनेक्शन रखने के बाद आतंकवादियों की शरण में पहुंचे हैं। इनको देखते हुए अब राज्य पुलिस दून के कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों, कारोबार और नौकरीपेशा कश्मीरी नागरिकों पर सोशल मीडिया के मार्फत नजर रखने की तैयारी कर रही है। पुलिस उनके संपर्क में आने वाले लोगों की कॉल डीटेल का अध्ययन करने, उनके आने-जाने समेत हर गतिविधि को वॉच करेगी। इसके लिए पुलिस आतंकियों की शरण में जा चुके छात्राओं के पुराने नेटवर्क और गतिविधियां का भी अध्ययन कर रही है।
एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि सत्यापन से संदिग्ध गतिविधियां देखना कठिन है। ऐसे में कश्मीरी हो या फिर दूसरे राज्यों व देश के नागरिक। इनकी संदिग्धता पर सोशल मीडिया, सर्विलांस और दूसरी आधुनिक तकनीक से नजदीक से नजर रखी जाएगी। इसके लिए सभी एजेंसियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। इसी माह से यह कार्य शुरू किया जा रहा है।
यह भी पढ़ें: हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकी बना शोएब था दून का छात्र, ऐसे हुआ खुलासा
यह भी पढ़ें: रुड़की जेल का भी रहा दागदार इतिहास
यह भी पढ़ें: साजिशन उत्तराखंड से बागपत जेल शिफ्ट हुआ सुनील राठी