देहरादून में दवा-इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए पुलिस मुस्तैद
महामारी के दौर में जरूरी दवा और इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है। कुछ इन्सानियत के दुश्मन आपदा में भी अवैध कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं। हालांकि दून पुलिस भी ऐसे व्यक्तियों पर नजर गड़ाए हुए हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। महामारी के दौर में जरूरी दवा और इंजेक्शन की कालाबाजारी की जा रही है। कुछ इन्सानियत के दुश्मन आपदा में भी अवैध कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं। हालांकि, दून पुलिस भी ऐसे व्यक्तियों पर नजर गड़ाए हुए हैं। शहर के तमाम अस्पतालों और मेडिकल स्टोर के बाहर संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है। इसके लिए कई क्षेत्रों में पुलिस कर्मी सादे कपड़ों में भी घूम रहे हैं।
दवा और इंजेक्शनों की कालाबाजारी रोकने को पुलिस पिछले एक माह से लगातार निगरानी बनाए हुए है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डा. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि कुछ लोग मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर अपनी जेब भर रहे हैं। इस प्रकार की कई शिकायतें उन्हें मिल रही हैं। जिस पर कार्रवाई के लिए सभी थानों को अपने-अपने क्षेत्र में निगरानी को कहा गया है।
मेडिकल स्टोर संचालकों पर कालाबाजारी के आरोप ज्यादा लग रहे हैं। ऐसे में मेडिकल स्टोर के आसपास निगरानी बढ़ा दी गई है। साथ ही अस्पतालों के बाहर मंडराने वाले संदिग्धों पर भी नजर रखी जा रही है। बीते रोज क्लेमेनटाउन पुलिस की ओर से फंगस के उपचार में कारगर इंजेक्शन की कालाबाजारी में तीन लोग गिरफ्तार किए गए थे। जिनमें दो मेडिकल संचालक हैं और एक आरोपित अन्य राज्यों से इंजेक्शन लाकर मेडिकल स्टोर संचालकों के माध्यम से महंगे दामों पर बेचता था। उन्हें एक जरूरतमंद को पांच इंजेक्शन 85 हजार रुपये में बेचने का प्रयास करते धरा गया।
एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना पुलिस और सतर्क होने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आमजन से अपील की है कि यदि कोई दवा या इंजेक्शन की कालाबाजारी करता है तो उसकी शिकायत संबंधित थाने या 112 पर कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें-Black Marketing Of Fungus: दून में फंगस के इंजेक्शन की कालाबाजारी, तीन चढ़े पुलिस के हत्थे
Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें