तलाक मामले में डोईवाला पुलिस को मुकदमे का आदेश
पति द्वारा तलाक दिए के मामले में सीजेएम कोर्ट में दाखिल याचिका पर आज सुनवाई हुई।
जागरण संवाददाता, देहरादून: पति द्वारा तलाक दिए के मामले में सीजेएम कोर्ट में दाखिल याचिका पर अदालत ने मंगलवार को डोईवाला पुलिस को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश दिया है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि 19 सितंबर 2018 को जारी गजट के अनुसार, मुस्लिम महिला विवाह संरक्षण अध्यादेश की धारा 3 व 4 में इस तरह के कृत्य को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में माना गया है। अधिवक्ता के मुताबिक अध्यादेश लागू होने के बाद राज्य में यह पहला मामला है, जिसमें अदालत ने मुकदमे का आदेश किया है।
अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी ने अदालत को बताया कि पीड़िता शगुफ्ता जमाल पुत्री अब्दुल कय्यूम निवासी ग्राम तेलीवाला, डोईवाला का 27 जनवरी 2002 को मुस्लिम रीति-रिवाज से अमीर अहमद पुत्र शरीफ अहमद निवासी ग्राम भुड्डी, शिमला बाईपास रोड से निकाह हुआ। निकाह के वक्त शगुफ्ता एमबीबीएस तृतीय वर्ष की पढ़ाई कर रही थी। शादी के कुछ ही दिन बाद पति ने उसका उत्पीड़न शुरू कर दिया। इसके चलते उसकी डॉक्टरी की पढ़ाई भी छूट गई। अमीर उसके चरित्र पर उंगली उठाने के साथ उसका बिना बात के उत्पीड़न करने लगा। इस दौरान उसे भनक लगी कि अमीर दूसरी शादी करने की तैयारी में है। इसकी शिकायत करने पर उसके मायके और ससुराल पक्ष के बीच कई बार बातचीत हुई, लेकिन मामले का हल नहीं निकला। इस बीच अमीर ने शगुफ्ता को तलाक का नोटिस भी भेज दिया गया, तब शगुफ्ता डोईवाला थाने में तहरीर देने गई। थाने की ओर से मामले को काउंसिलिंग के लिए महिला हेल्पलाइन भेज दिया गया। मगर दोनों पक्षों में समझौता नहीं हो सका। इसके बाद पीड़िता ने डोईवाला पुलिस को तहरीर दी, लेकिन पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अदालत ने कहा कि पुलिस की ओर से दी गई रिपोर्ट और पत्रावलियों के अवलोकन से मामला विवेचना के योग्य पाया गया है।