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ईपीएफओ की एफआइआर भी दर्ज नहीं कर ही पुलिस, पढ़िए पूरी खबर

ईपीएफओ ने हरिद्वार में कर्मचारियों के प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) में बड़ा घपला पकड़ा है। कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने को तहरीर दी थी पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 12:32 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 04:58 PM (IST)
ईपीएफओ की एफआइआर भी दर्ज नहीं कर ही पुलिस, पढ़िए पूरी खबर
ईपीएफओ की एफआइआर भी दर्ज नहीं कर ही पुलिस, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने हरिद्वार में कर्मचारियों के प्रॉविडेंट फंड (पीएफ) में बड़ा घपला पकड़ा है। विभिन्न प्रतिष्ठानों में मैनपावर की सप्लाई करने वाली रावी बिजनेस सॉल्यूशंस लि. (शिवलोक कॉलोनी) ने कर्मचारियों के वेतन से पीएफ की कटौती तो की, मगर उसे ईपीएफओ में जमा नहीं कराया गया। संगठन ने अपनी जांच में पाया कि कंपनी ने एक करोड़ 84 लाख 18 हजार 69 रुपये का गबन किया है।

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इस पर ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव ने कंपनी को नोटिस जारी कर बकाया राशि जमा कराने को कहा, मगर फिर भी पीएफ जमा नहीं कराया गया। इसके बाद ईपीएफओ के प्रवर्तन अधिकारी भूपाल सिंह बिष्ट ने कुछ समय पहले कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए रानीपुर कोतवाली में तहरीर दी थी। लेकिन पुलिस ने अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया। क्षेत्रीय आयुक्त यादव ने कहा कि एफआइआर दर्ज न किए जाने के चलते पीएफ की राशि में इतना बड़ा गबन करने के बाद भी कंपनी मालिक कानून की गिरफ्त से बाहर है। उन्होंने बताया कि यह कंपनी हरिद्वार में कई बड़े प्रतिष्ठानों में मैनपावर उपलब्ध कराती है।

80 प्रतिष्ठान दबाए बैठे पीएफ के 5.76 करोड़

इन दिनों ईपीएफओ कार्यालय ने पीएफ के बकायेदारों के खिलाफ विशेष वसूली अभियान शुरू किया है। ऐसे 80 प्रमुख बकायेदारों की सूची तैयार की गई है और इन पर पीएफ के पांच करोड़ 76 लाख 23 हजार 657 रुपये बकाया चल रहे हैं। देखा जा रहा है कि कौन से संस्थान कर्मचारियों को पीएफ का लाभ नहीं दे रहे हैं और किसने पीएफ कटौती के बाद भी जमा नहीं कराया। प्रकरण की गंभीरता के हिसाब से ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ खिलाफ बैंक अकाउंट, संपत्ति अटैच करने या एफआइआर दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है।

इसी क्रम में नगर निगम हरिद्वार, नगर पालिका परिषद मसूरी, धनश्री एग्रो प्रोडक्ट रुड़की, केआरएल वेस्ट मैनेजमेंट हरिद्वार, उत्तरांचल प्रोटेक्शन फोर्स हरिद्वार के बैंक खातों को अटैच कर दिया गया है।

इसके साथ ही प्रतिमा सिक्योरिटी सर्विस हरिद्वार, सुरभि होटल कैम्पटी फॉल, दौलतराम इंडस्ट्रीज हरिद्वार के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में ही एक मामले में टैक्सपलाज व टाइगर स्टील की चल-अचल संपत्ति को जब्त कर रिवकरी की गई। ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव ने बताया कि सभी बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। प्रवर्तन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जिन प्रकरणों में नियोक्ताओं ने कर्मचारियों का पीएफ काटने के बाद भी जमा नहीं कराया गया है, उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाए।

फ्रेंचाइजी में 20 कर्मचारियों का मानक नहीं

ईपीएफओ ने स्पष्ट किया है कि विभिन्न कंपनियों की फ्रेंचाइजी चलाने वाले प्रतिष्ठानों पर पीएफ कटौती के लिए 20 कर्मचारियों का मानक लागू नहीं होगा। ऐसे प्रतिष्ठान नियम संख्या से कम कर्मचारी रखने पर भी पीएफ का लाभ देंगे। क्योंकि मूल कंपनियां पहले से पीएफ के दायरे में होती हैं। लिहाजा, इस तरह के प्रतिष्ठान विभाग की कार्रवाई से पहले ही पीएफ जमा करना शुरू कर दें।

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क्षेत्रीय आयुक्त मनोज कुमार यादव ने बताया कि दून में बड़ी चेन की फ्रेंचाइजी के रूप में ब्यूटी पार्लर, सैूलून, रेस्तरां, डिलीवरी सर्विस, शॉपिंग स्टोर आदि का काम करने वाले प्रतिष्ठान हैं। विभागीय छापे में पकड़ जाने पर बकाया के साथ ही पेनल्टी व ब्याज समेत पीएफ जमा कराया जाएगा। कैटरिंग की सेवाएं देने वालों को भी इस दायरे में लिया जा रहा है।

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