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क्या शराब स्वत: जहरीली हो सकती है, नहीं मिली जानकारी

पथरिया पीर में हुए शराबकांड के मामले में पुलिस को यह रिपोर्ट पहले ही मिल चुकी थी कि शराब में किन चीजों का कंपोजिशन (संयोजन) है। लेकिन इस बात की जानकारी नहीं मिल पा रही है कि क्या शराब कुछ विशेष परिस्थितियों में स्वत जहरीली हो सकती है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 10:40 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 10:40 AM (IST)
क्या शराब स्वत: जहरीली हो सकती है, नहीं मिली जानकारी
पुलिस को, इस बात की जानकारी नहीं मिल पा रही है कि क्या शराब स्वत: जहरीली हो सकती है।

देहरादून, जेएनएन। पथरिया पीर में हुए शराबकांड के मामले में पुलिस को यह रिपोर्ट पहले ही मिल चुकी थी कि शराब में किन चीजों का कंपोजिशन (संयोजन) है। लेकिन, इस बात की जानकारी नहीं मिल पा रही है कि क्या शराब कुछ विशेष परिस्थितियों में स्वत: जहरीली हो सकती है। इस मामले में पुलिस आइआइटी रुड़की से कई दफा जानकारी मांग चुकी है और उसे हर बार कंपोजिशन की ही रिपोर्ट भेजी जा रही है। इस बात से नाराज डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने आइआइटी रुड़की को बुधवार को पत्र भेजकर मांगी गई जानकारी पर ही स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।

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डीआइजी जोशी के मुताबिक, शराबकांड में पथरिया पीर से कुआंवाला स्थित दून वैली डिस्टिलर्स में बनी देसी शराब (जाफरान) के पव्वे मिले थे। इस आधार पर आइआइटी रुड़की को संबंधित ब्रांड के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। जांच के क्रम में आइआइटी की टीम ने डिस्टिलरी में शराब बनाने की प्रक्रिया की भी जांच की थी। लिहाजा, आइआइटी से यह पूछा गया था कि क्या शराब बनाने के दौरान पानी के तापमान, बैक्टीरिया या मिनरल्स से किसी तरह की ऐसी प्रक्रिया बन सकती है, जिससे शराब स्वत: जहरीली हो जाए।

यदि हां तो वह परिस्थिति कौन सी होगी? आइआइटी की तरफ से इस बात की जानकारी नहीं दी जा रही है, जबकि पुलिस की तरफ से इसके लिए करीब सवा तीन लाख रुपये का भुगतान भी आइआइटी को किया जा चुका है। आइआइटी को कहा गया है कि यदि वह मांगी गई जानकारी देने में असमर्थ हैं तो पुलिस की धनराशि वापस कर दी जाए। यदि धनराशि भी नहीं लौटाई जाती है तो विधिक कार्रवाई के लिए परामर्श लिया जाएगा।

सितंबर 2019 में शराब पीने के बाद हुई थी सात व्यक्तियों की मौत

शहर कोतवाली क्षेत्र के पथरिया पीर में सितंबर 2019 में जाफरान पीने के बाद कई व्यक्तियों की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी और सात व्यक्तियों की मौत हो गई थी। इस मामले में कोतवाल, चौकी इंचार्ज व दो आबकारी निरीक्षक निलंबित किए गए थे। क्षेत्रवासियों ने अवैध तरीके से शराब बेचे जाने का आरोप लगाया था। एक साल बाद भी इस बात का पता नहीं लग पाया है कि किन कारणों के चलते शराब ने जहर का रूप ले लिया था। क्या शराब में बाहर से कुछ मिलाया गया था या स्वत: ही वह जहरीली हो गई। 

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