पुलिस को शहर में ढूंढे नहीं मिले भिखारी
जागरण संवाददाता, देहरादून: यूं तो शहर के किसी भी चौराहे व सिग्नल पर गाड़ी रुकते ही भिख
जागरण संवाददाता, देहरादून: यूं तो शहर के किसी भी चौराहे व सिग्नल पर गाड़ी रुकते ही भिखारी घेर लेते हैं, लेकिन बुधवार को पुलिस की ओर से चलाए गए अभियान के दौरान शहर में एक भी भिखारी नहीं मिला। इन भिखारियों को ढूंढने निकली टीम पूरे दिन शहर में भटकती रही, लेकिन नतीजा सिफर रहा।
दून शहर के चौराहों व प्रमुख बाजारों में भिखारियों का जमावड़ा लगना आम बात है। इन भिखारियों में बुजुर्ग पुरुष-महिलाओं से छोटे बच्चे तक शामिल हैं, जो चौराहों पर गाड़ियों के खड़े होते ही उनका शीशा खटखटाने लगते हैं। वहीं बाजारों में तो तब तक पीछा नहीं छोड़ते जब तक उन्हें भीख नहीं मिल जाती। अब शासन की सख्ती के बाद भीख मांगने को अपराध की श्रेणी में डाला गया है और पुलिस की ओर से भी इस बाबत अभियान चलाया जा रहा है। शहर में लगातार गंभीर होती इस समस्या को संज्ञान में लेते हुए शासन ने भिक्षावृत्ति के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसी के तहत पुलिस ने 25 जुलाई को अभियान चलाकर 17 भिखारियों को पकड़ा, लेकिन बुधवार को चला पुलिस का अभियान फुस्स होकर रह गया।
एएसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया कि आइएसबीटी से लेकर बल्लूपुर चौक तक पुलिस टीमों को भिखारियों की तलाश के लिए लगाया गया था। कार्रवाई के दौरान चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के लोगों को भी साथ लिया गया था, ताकि भीख मांगने वाले बच्चों को बाल सुधार गृह भेजा जा सके। लेकिन, बुधवार को सड़क पर एक भी भिखारी नजर नहीं आया।