देहारदून: महिला चिकित्सक से सात लाख ठगने वाला गिरफ्तार, एनपीए में असिस्टेंट डायरेक्टर बनाने का दिया था झांसा
नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) में असिस्टेंट डायरेक्टर बनवाने का झांसा देकर महिला चिकित्सक से साढ़े सात लाख रुपये ठगने के आरोपित को रायपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह छह माह से फरार चल रहा था।
जागरण संवाददाता, देहरादून। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) में असिस्टेंट डायरेक्टर बनवाने का झांसा देकर महिला चिकित्सक से साढ़े सात लाख रुपये ठगने के आरोपित को रायपुर थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह छह माह से फरार चल रहा था। अदालत की ओर से उसकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया था।
थानाध्यक्ष दिलबर सिंह नेगी ने बताया इस मामले में 17 अगस्त 2020 को चिकित्सक प्रतिमा सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। डॉ. प्रतिमा सिंह दून के गंगोत्री विहार की निवासी हैं। फिलहाल वह गाजीपुर में तैनात हैं और वहीं रहती हैैं। उनके पति अजय शंकर यहां राजपुर स्थित डीआइटी यूनिवर्सिटी में नौकरी करते हैैं। वर्ष 2020 में होली में प्रतिमा देहरादून आई थीं। इसी दौरान अजय का पुराना परिचित आशीष कुमार उनके घर आया। बातचीत के दौरान आशीष ने प्रतिमा को बताया कि उसके दोस्त अभय कुमार की स्वास्थ्य विभाग में अच्छी जान-पहचान है।
वह देहरादून में उनके लिए नौकरी की व्यवस्था कर सकता है। इसके बाद आशीष ने प्रतिमा की मुलाकात अभय से कराई। अभय ने उन्हें बताया कि एनपीपीए में असिस्टेंट डायरेक्टर की जरूरत है। इस पद के लिए आवेदन करने के नाम पर अभय ने प्रतिमा से उनके दस्तावेजों की कॉपी ले ली। साथ ही नौकरी के लिए तकरीबन 10 लाख रुपये खर्च होने की बात कही।
तीन दिन बाद आरोपितों ने प्रतिमा को नियुक्ति पत्र दे दिया, जिसमें एक आइएएस अधिकारी के हस्ताक्षर थे। नियुक्ति पत्र मिलने पर प्रतिमा ने आरोपितों को अलग-अलग किस्तों में सात लाख 45 हजार रुपये दे दिए। मामला तब खुला, जब वह नियुक्ति पत्र लेकर संबंधित संस्थान में पहुंचीं। वहां बताया गया कि इस पद पर कोई भर्ती नहीं की गई है। मुख्य आरोपित अभय कुमार को गुरुवार को वसंत विहार क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया। वह यहां किराये पर रह रहा था। पुलिस ने बताया कि इस मामले में दूसरे आरोपित आशीष की भूमिका की जांच अभी चल रही है।
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