जानलेवा हमले का आरोपित 38 साल बाद गिरफ्तार
अड़तीस साल से फरार चल रहे जानलेवा हमले के आरोपित को डालनवाला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
जागरण संवाददाता, देहरादून:
अड़तीस साल से फरार चल रहे जानलेवा हमले के आरोपित को डालनवाला कोतवाली पुलिस ने आखिरकार ढूंढ ही निकाला। तकरीबन पांच साल पूर्व राजपुर इलाके के चंद्रौटी स्थित पुश्तैनी जमीन की बिक्री के दस्तावेजों के जरिये पुलिस उस तक पहुंचने में कामयाब हुई।
इंस्पेक्टर राजीव रौथाण ने बताया कि 1980 में जयचंद पुत्र लालता प्रसाद निवासी 218, डीएल रोड का सुरेश पुत्र इंदर सिंह निवासी चंद्रौटी राजपुर से विवाद चल रहा था। आरोप है कि इसी रंजिश में सुरेश ने जयचंद के घर पर धावा बोलकर उन पर फायर झोंक दिया। गोली चलाने के बाद सुरेश मौके से फरार हो गया। मामले में जयचंद ने डालनवाला कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। 12 दिसंबर 1980 को पुलिस ने मामले में सुरेश के खिलाफ अपर जिला जज की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी। इस बीच उसे अदालत से जमानत मिल गई, लेकिन जब केस सुनवाई पर आया तो सुरेश फरार हो गया। कई वारंट जारी होने के बाद भी सुरेश पेश नहीं हुआ तो अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। पुलिस ने भी लंबे समय तक तलाश की, मगर वह हत्थे नहीं चढ़ा तो पुलिस भी हाथ पर हाथ धरकर बैठ गई। कुछ दिन पहले पुलिस सुरेश की फाइल पलट रही थी तो पता चला कि सुरेश ने चंद्रौटी स्थित पुश्तैनी जमीन तकरीबन पांच साल पहले बेच दी। पुलिस ने रजिस्ट्री विभाग से दस्तावेज निकलवाए, जिसमें सुरेश का पैन कार्ड नंबर और उसकी फोटो मिल गई। पैन नंबर के जरिये आयकर विभाग से जानकारी जुटाई और उसके पट्टीदारों से सुरेश के बेटे का मोबाइल नंबर मिल गया। बेटे ने बातचीत में बताया कि उसके पिता परिवार सहित ज्वाला हिमाचल प्रदेश में रह रहे हैं। पुलिस ज्वाला पहुंची तो उसके बेटे ने बताया कि सुरेश इन दिनों कैथल हरियाणा में अपने दूसरे बेटे के घर गया हुआ है। भटकते हुए पुलिस हरियाणा पहुंची, मगर तब तक सुरेश को पुलिस के आने की खबर मिल चुकी थी। लिहाजा सुरेश वहां से भी फरार हो गया। रविवार को पुलिस को मुखबिर ने बताया कि सुरेश इन दिनों चंद्रौटी में अपने भाई के घर रह रहा है। जहां से पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को सोमवार को कोर्ट में पेश कर दिया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।