सेना के प्रतिबंधित कारतूस के खोखों के साथ चार गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, देहरादून: कैंट इलाके से सेना के प्रतिबंधित कारतूसों के खोखों और सौ
जागरण संवाददाता, देहरादून:
कैंट इलाके से सेना के प्रतिबंधित कारतूसों के खोखों और सौ से ज्यादा जिंदा कारतूस मिलने से गुरुवार को हड़कंप मच गया। इस मामले में पुलिस ने कबाड़ी समेत तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है। सूचना मिलने पर आर्मी इंटेलीजेंस से लेकर खुफिया तंत्र के अधिकारियों ने कैंट कोतवाली में आरोपियों से घंटों पूछताछ की, मगर यह स्पष्ट नहीं हो पाया है सेना के कैंप से किन परिस्थितियों में जिंदा कारतूस और खोखे बाहर आए। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है, जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों के मुताबिक, बीते चार जनवरी को सेना की एक बटालियन से हजारों की संख्या में कारतूस के खोखों के गुम होने की जानकारी खुफिया तंत्र के माध्यम से एसओजी को मिली। हालांकि, सेना की ओर से इसकी कहीं भी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई थी, लेकिन एसओजी अपने स्तर से छानबीन में जुट गई। पुलिस के मुताबिक, बुधवार रात एसओजी और कैंट पुलिस की संयुक्त चेकिंग में कैंब्रियन हॉल स्कूल के पास तीन महिलाएं और एक पुरुष बोरे में कुछ लेकर जाते दिखे। उन्हें रोककर बोरों की जांच की गई तो इनमें प्रतिबंधित कारतूस के खोखे और दर्जनों जिंदा कारतूस मिले। इसकी सूचना रात में ही सेना के अधिकारियों को दे दी गई। मौके पर पहुंचे सेना के अधिकारियों ने पुलिस के साथ कारतूस खोखों की जांच और गिनती की। गिनती के दौरान 5.56 एमएम के 8170 खोखे और 7.62 एमएम के 119 जिंदा कारतूस मिले।
एसपी सिटी पीके राय ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मुस्तकीम (30) पुत्र तासीम निवासी कावली रोड, गाधी ग्राम, सीमा (24) पत्नी रंजीत साहनी, शिव कुमारी उर्फ गोरे वाली (38) पत्नी रामलखन साहनी और पिंकी पत्नी (20) विजय साहनी निवासी कांवली रोड के रूप में हुई है। मुस्तकीम की जीएमएस रोड पर कबाड़ की दुकान है, जबकि महिलाएं कबाड़ बीनने का काम करती हैं। आशंका जताई जा रही है कि इन महिलाओं ने सेना के कैंप में घुसकर कारतूस के खोखों और जिंदा कारतूस चोरी किए और उन्हें कबाड़ की दुकान पर बेचने की तैयारी थी। वहीं एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि यह बेहद संवेदनशील मामला है। बरामद कारतूस के खोखे और जिंदा कारतूस प्रतिबंधित बोर के हैं, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर सेना करती है। मामले में आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विवेचना में प्रकरण के सभी पहलुओं की बारीकी से छानबीन की जाएगी।