मंत्री का ड्राइवर बता नौकरी के नाम पर ठगी करने वाला गिरफ्तार Dehradun News
मंत्री का ड्राइवर बता सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले और उसके साथी को पकड़कर पीड़ितों ने पुलिस के हवाले कर दिया।
देहरादून, जेएनएन। खुद को शिक्षा मंत्री का ड्राइवर बता सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले और उसके साथी को पकड़कर पीड़ितों ने पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपित ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे तीन लाख रुपये ठगे थे। नौकरी न मिलने पर पीड़ितों ने उसे 50 हजार रुपये और देने का लालच देकर आइएसबीटी बुलाया। यहां पहुंचने पर उसे पकड़ लिया। आरोपित का साथी उसके लिए बिचौलिये का काम करता था।
सीओ सदर अनुज कुमार के अनुसार चीनी मिल परिसर किच्छा, ऊधमसिंह नगर में रहने वाले रवि कुमार ने अरविंद कुमार और दिलीप कुमार के खिलाफ ठगी की शिकायत की थी, जिसमें रवि ने बताया था कि उसका छोटा भाई शुभम बेरोजगार है। उसके मुंह बोले मामा दिलीप ने अगस्त 2019 में उसकी मुलाकात विकासनगर में रहने वाले अरविंद कुमार से कराई थी। दिलीप किच्छा में एक फैक्ट्री में काम करता था।
अरविंद ने खुद को कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे का ड्राइवर बताया और शुभम की पंचायती राज विभाग में टाइपिस्ट की नौकरी लगवाने का आश्वासन दिया। इसके लिए उसने पांच लाख रुपये खर्च होने की बात कही। रवि ने अक्टूबर 2019 में अरविंद को तीन लाख रुपये दे दिए। इसके बावजूद उसने ज्वाइनिंग लेटर या नौकरी से संबंधित किसी प्रकार का कोई दस्तावेज नहीं दिया। रवि जब भी इस संबंध में अरविंद को फोन करता तो वह टालमटोल करने लगता। इससे रवि को उसपर कुछ शक हुआ।
यह भी पढ़ें: दिल्ली के उद्योगपति परिवार पर धोखाधड़ी का केस, जानिए पूरा मामला Haridwar News
सोमवार को उसने अरविंद को फोन कर 50 हजार रुपये और देने के लिए देहरादून आइएसबीटी बुलाया। अरविंद के यहां पहुंचने पर रवि अपने भाई शुभम और दिलीप के साथ आइएसबीटी पहुंचा। यहां उसने अरविंद से नौकरी का ज्वाइनिंग लेटर मांगा तो उसने कहा कि किसी मंत्री को नहीं जानता और रुपये देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद दोनों भाइयों ने आरोपित अरविंद और दिलीप को पकड़कर आइएसबीटी चौकी पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अदालत में पेश किया, जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया।
यह भी पढ़ें: फर्जी बीमा प्रकरण में पुलिस और परिवहन विभाग आमने-सामने Dehradun News
10वीं फेल हैं दोनों आरोपित
आइएसबीटी चौकी इंचार्ज विवेक भंडारी ने बताया कि अरविंद फैक्ट्रियों में लेबर सप्लाई करता था। उसने ऊधमसिंह नगर की एक फैक्ट्री में भी लेबर सप्लाई की थी। उसी फैक्ट्री में दिलीप भी काम करता था। इसी दौरान दोनों की मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि दोनों आरोपित 10वीं फेल हैं।
यह भी पढ़ें: विदेश भेजने के नाम पर 10 लाख रुपये ठगे, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा Dehradun News