अनशनकारी अंजू को जबरन अस्पताल पहुंचाया
मानदेय वृद्धि को लेकर आदोलनरत आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मंगलवार को पुलिस से फिर नोकझोंक हो गई।
जागरण संवाददाता, देहरादून: मानदेय वृद्धि को लेकर आदोलनरत आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मंगलवार को पुलिस से फिर नोकझोंक हो गई। पुलिस ने अनशनकारी अंजू चंद को जबरन अस्पताल में भर्ती करा दिया।
दोपहर करीब एक बजे परेड ग्राउंड स्थित धरनास्थल पर पुलिस वाहन लेकर पहुंची। पुलिस बल ने अनशन पर बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता धर्मपुर निवासी अंजू चंद का स्वास्थ्य खराब होने के चलते जबरन अस्पताल पहुंचाया। इस पर कई कार्यकर्ता पुलिस से उलझ पड़ीं। इसके बाद थत्यूड़ ब्लॉक से राजबाला और पौड़ी से विजया देवी बेमियादी अनशन पर बैठीं।
वहीं, मिनी कर्मचारी संगठन की प्रदेश अध्यक्ष रेखा नेगी ने आरोप लगाया कि महिला सम्मान और सुरक्षा को तरजीह देने वाली प्रदेश सरकार आज महिलाओं की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है। आगनबाड़ी कार्यकर्ता संवैधानिक अधिकारों के तहत शांतिपूर्ण आदोलन कर रही हैं। लेकिन, सरकार के इशारों पर अनशन पर बैठी महिला कार्यकर्ताओं को जबरन उठाया जा रहा है। उनके साथ धक्का-मुक्की की जा रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वह अपना आदोलन और मजबूती से आगे बढ़ाएंगे। प्रदर्शनकारियों में प्रदेश उपाध्यक्ष विमला कोहली, संगठन मंत्री मीनाक्षी रावत, महामंत्री सुमति थपलियाल, प्रतिभा शर्मा, विजय लक्ष्मी नौटियाल, मीना रावत, बीना जोशी, आशा थपलियाल, विमला गैरोला, बसंती रावत, राजश्री सुमित्रा, अबला चौहान, पिंकी, ममता रतूड़ी आदि शामिल रहीं। रूलक ने दिया समर्थन
रूलक लिटिगेशन एंड एनटाइटलमेट केंद्र ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के आंदोलन को समर्थन दिया है। संगठन ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये प्रतिमाह किए जाने की मांग जायज है, क्योंकि भारतीय संविधान भी समान काम के लिए समान वेतन की बात कहता है।