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'मैं दरबारों के लिए अभिनंदन गीत नहीं गाता..'

नगर निगम सभागार में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें प्रसिद्ध कवियों ने अपनी रचना के माध्यम से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। वीर, हास्य, और श्रृंगार रस की कविताएं सुनकर सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने वहां पहुंचकर कवियों का उत्साहव‌र्द्धन किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 11:41 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 11:41 PM (IST)
'मैं दरबारों के लिए अभिनंदन गीत नहीं गाता..'
'मैं दरबारों के लिए अभिनंदन गीत नहीं गाता..'

जागरण संवाददाता, देहरादून: नगर निगम सभागार में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें प्रसिद्ध कवियों ने अपनी रचना के माध्यम से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। वीर, हास्य, और श्रृंगार रस की कविताएं सुनकर सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने वहां पहुंचकर कवियों का उत्साहव‌र्द्धन किया।

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सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में लोकप्रिय वरिष्ठ कवि डॉ. हरिओम पंवार ने अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ के संस्मरण साझा किए। उन्होंने अपनी बुलंद आवाज में 'जब मैं ताजों के लिए समर्पण वंदन गीत नहीं गाता, मैं दरबारों के लिए अभिनंदन गीत नहीं गाता, मैं शब्दों की क्रांति ज्वाला हूं, वर्तमान को गाऊंगा, जिस दिन मेरी आग बुझेगी, उस दिन मर जाऊंगा..' गाया तो पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। कानपुर से आए कवि डॉ. सुरेश अवस्थी ने 'जैसे थे, वैसे दिखे, पहने नहीं नकाब, कांटों के भी घर मिले, बनकर खिले गुलाब, तू-तू मैं छोड़ के भूले सबसे प्यार, पत्थर से भी एक दिन बहेगी जलधार..' सुनाकर अटल की विचारधारा को नमन किया। हरियाणा के हास्य कवि योगेंद्र मुदगिल ने 'मैंने पूछा जसलीन से कि जसलीन 65 का जलोटा तुझे कैसे मन भा गया' सुनाकर सभी को खूब गुदगुदाया। श्रीकांत श्री ने 'भले ही दीप से पूजा तू आठोंयाम मत करना, मिले कोई मोहल्ले में तो राधेश्याम मत करना, नमन करना या मत करना कोई कुछ न कहेगा पर शहीदों की शहादत को कभी बदनाम करना..' सुनाकर शहीदों की शहादत और सैनिकों के हौसलों को सलाम किया। नीता कुकरेती ने 'मानी, बस रार नई ठानी' और गढ़वाली कविता जिंदगी का गांठा अलझयां सुनाया। एटा उत्तर प्रदेश से आई योगिता चौहान ने 'इस धरती से उस अंबर तक घर-घर अलख जगानी है। जान हथेली पर रखकर हमको गाय बचानी है' सुनाकर गोमाता की महिमा का गुणगान किया। डॉ. सौरभकांत शर्मा ने हास्य कविता एनसीआर का मसौदा जो तैयार हुआ और डॉ. विनोद लवानिया ने जीवन के सारे घटनाक्रम बेशक याद रहे न रहे, हृदय पटल पर अटल रहेगी आपकी स्मृतियां सुनाकर सबका दिल जीत लिया। इस दौरान भाजपा के महानगर अध्यक्ष विनोद गोयल, भाजपा के प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल, भारती व्यास, हरीश जुयाल, सतेंद्र पुनेठा, जसबीर सिंह हलधर, सौरभ रावत, अरुण तोमर, अनूप सक्सेना आदि मौजूद रहे।


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