Khel Mahakumbh 2019: खुली तैयारियों की पोल, कांच-पत्थरों से भरे मैदान में नंगे पैर खेले खिलाड़ी
खेल महाकुंभ-2019 में खिलाड़ियों को कांच और पत्थरों से भरे मैदान में नंगे पैर उतार दिया गया। हालत यह रहेे कि खिलाड़ियों का फोकस चोटिल होने से बचने पर रहा।
देहरादून, जेएनएन। खेल महाकुंभ-2019 में पहले ही दिन सरकारी तैयारियों की पोल खुल गई। खिलाड़ियों को कांच और पत्थरों से भरे मैदान में नंगे पैर उतार दिया गया। हालत यह रही कि खिलाड़ी चोटिल होने से बचने के लिए अपने प्रतिद्वंद्वियों से ज्यादा कांच और पत्थरों से 'प्रतियोगिता' करते नजर आए।
युवा कल्याण निदेशालय के मैदान में सोमवार को न्याय पंचायत स्तर की खेलकूद प्रतियोगिताओं के साथ खेल महाकुंभ 2019 का आगाज हुआ। बता दें कि बीते दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य विकास अधिकारी जीएस रावत ने कहा था कि इस बार विभाग पिछले सत्र में हुई गलतियों से सीख लेकर खेल महाकुंभ का आयोजन करेगा, लेकिन मुख्य विकास अधिकारी के इस दावे की पहले ही दिन हवा निकल गई।
आयोजकों ने प्रतियोगिता से पहले मैदान की साफ-सफाई तक कराने की जहमत नहीं उठाई। मैदान पर हर तरफ कांच के टुकड़े और पत्थर बिखरे पड़े थे। यह हाल तब था, जब न्याय पंचायत स्तर पर प्रति खेल एक हजार रुपये का बिल पास किया गया है। इसके अलावा खेल महाकुंभ के उद्घाटन के लिए तैयार किया गया पंडाल हल्की-सी हवा में ही बिखर गया। पंडाल में लगाया गया पोल अचानक गिर पड़ा। उस दौरान मुख्य अतिथि राज्य युवा कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष जितेंद्र मोनी ध्वजारोहण कर रहे थे। गनीमत यह रही कि जब पोल गिरा तो टेट के नीचे कोई मौजूद नहीं था।
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स्पोर्ट्स कॉलेज के मैदान का कर सकते थे इस्तेमाल
आयोजक चाहते तो प्रतियोगिता के लिए युवा कल्याण निदेशालय के मैदान की जगह महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के मैदान या पवेलियन ग्राउंड का इस्तेमाल कर सकते थे। पर किसी ने भी इस आयोजन को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। नतीजतन विभाग की तो फजीहत हुई ही, खिलाड़ियों को परेशानी का सामना करना पड़ा, सो अलग। चोटिल होने से बचने के लिए खिलाड़ियों का फोकस खेल पर कम और खुद को कांच और पत्थरों से बचाने पर अधिक था।
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