उत्तराखंड विधानसभा में प्लास्टिक का इस्तेमाल प्रतिबंधित
उत्तराखंड विधानसभा परिसर में प्लास्टिक एवं प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं के इस्तेमाल को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड विधानसभा परिसर में प्लास्टिक एवं प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं के इस्तेमाल को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
जारी आदेश के मुताबिक विधानसभा सचिवालय के अंतर्गत किसी भी स्तर पर आयोजित होने वाली बैठक और कार्यशाला आदि में प्लास्टिक से निर्मित वस्तुओं का प्रयोग नहीं किया जाएगा। पीने के पानी की प्लास्टिक की बोतलों को पूर्ण रूप से वर्जित कर दिया गया है। अब वाटर डिस्पेंसर तथा वाटर पेपर ग्लास का ही प्रयोग किया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष ने विधान भवन परिसर में कार्यरत विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशों का अनुपालन करने के लिए कहा है और उन्हें प्लास्टिक के सामान के बजाय पर्यावरण के अनुकूल तथा प्राकृतिक तरीके से नष्ट होने वाले सामान का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।
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इस क्रम में विधानसभा परिसर की कैंटीन में भोजन परोसने में परंपरागत रूप से उपयोग की जाने वाली सामग्री टेबल वेयर एवं कटलरी प्लास्टिक निर्मित की बजाए पत्तों आदि से बनी हुई मोल्डेड थाली, गिलास, कटोरियों के प्रयोग को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि प्लास्टिक, विशेषकर माइक्रोप्लास्टिक से पर्यावरणीय दुष्प्रभाव के साथ ही स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरे पैदा होते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड विधानसभा सचिवालय की यह पहल देश को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा इस स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र से किए गए आह्वान की दिशा में एक कदम है।
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