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जानलेवा ब्लैक स्पॉट विभागों को नहीं आते नजर

ब्लैक स्पॉट यानी वे स्थान जहां एक से अधिक दुर्घटनाएं और पांच से अधिक लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में ऐसे स्थान एक या दो नहीं बल्कि पूरे 139 चिह्नित किए गए हैं। चिह्नित किए गए इन ब्लैक स्पॉट में से अभी तक केवल 71 की ठीक हैं।

By Sumit KumarEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 03:28 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 03:28 PM (IST)
जानलेवा ब्लैक स्पॉट विभागों को नहीं आते नजर
प्रदेश में ऐसे स्थान एक या दो नहीं, बल्कि पूरे 139 चिह्नित किए गए हैं।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। ब्लैक स्पॉट, यानी वे स्थान, जहां एक से अधिक दुर्घटनाएं और पांच से अधिक लोगों की मौत हुई है। प्रदेश में ऐसे स्थान एक या दो नहीं, बल्कि पूरे 139 चिह्नित किए गए हैं। पांच वर्ष पूर्व चिह्नित किए गए इन ब्लैक स्पॉट में से अभी तक केवल 71 की ठीक हो पाए हैं। 68 पर अभी काम होना शेष है। इसके अलावा प्रदेश में 1929 ऐसे स्थान भी चिह्नित किए गए हैं, जो दुर्घटना के लिहाज से संवेदनशील हैं। इनमें से भी अभी तक 953 ही ठीक हो पाए हैं। राष्ट्रीय व राज्य राजमार्गों एवं दुर्घटना संभावित स्थलों पर 7877.42 किमी लंबाई पर क्रैश बैरियर लगाए जाने प्रस्तावित हैं। इनमें से अभी तक कुल 3733.93 किमी पर ही क्रैश बैरियर लग पाए हैं। यानी, 47 फीसद पर ही काम हो पाया है। अभी 53 फीसद पर काम होना शेष है।

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प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष सैकड़ों लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते हैं। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित सड़क सुरक्षा समिति ने ब्लैक स्पॉट और दुर्घटना संभावित स्थल चिह्नित कर इन्हें दुरुस्त करनेे के निर्देश दिए थे। इस कड़ी में प्रदेश में वर्ष 2016 में 139 ब्लैक स्पॉट और 1929 दुर्घटना संभावित स्थल चिह्नित किए गए। अभी स्थिति यह है कि ब्लैक स्पॉट में से वर्ष 2017 में 17, वर्ष 2018 में 25, वर्ष 2019 में 24 और इस वर्ष सितंबर तक कुल पांच ब्लैक स्पॉट ही ठीक हो पाए थे। जो 68 ब्लैक स्पॉट शेष रह गए हैं, उनमें से भी 43 ब्लैक स्पॉट एनएचएआई, 17 ब्लैक स्पॉट लोक निर्माण विभाग एनए विंग और आठ ब्लैक स्पॉट लोक निर्माण विभाग ने दुरुस्त करने हैं। वहीं दुर्घटना संभावित 1929 स्थलों में से अभी तक 976 ही ठीक हो पाए हैं। 953 पर अभी काम होना है। इन दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सबसे अधिक 401 स्थल देहरादून, 140 टिहरी, 98 ऊधमसिंह नगर, 88 बागेश्वर और 55-55 स्थल पिथौरागढ़ व पौड़ी में ठीक होने शेष हैं।

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ऐसी सड़कों पर होती है सबसे अधिक दुर्घटनाएं

सड़क का प्रकार -----दुर्घटनाएं ----मृतक ---- घायल

  •  सीधी -----------    976-----------562-----------942
  • घुमावदार सड़क ---- 206------------166---------284
  •  पुल ------------     22 ------------ 23----------- -14
  •  छोटी पुलिया --------15------------ 07----------- -18
  •  सड़क पर गढ्डे ------- 26 ------------ 15------------ 22
  •  तीव्र ढाल ------------ 12------------08------------11
  • निर्माणाधीन -------- 27------------34------------ 49
  •  अन्य ------------ 68------------52------------117
  • योग ------------ 1352------------867------------1457

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