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विधानसभा उपचुनावः पिथौरागढ़ में कसौटी पर सरकार का ढाई साल का कामकाज

लोकसभा चुनाव निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव के बाद अब त्रिवेंद्र सरकार के समक्ष अगली चुनौती पिथौरागढ़ का किला फतह करने की है। चुनाव में सरकार का कसौटी पर कामकाज परखा जाएगा।

By Edited By: Published: Fri, 25 Oct 2019 08:21 PM (IST)Updated: Sat, 26 Oct 2019 11:24 AM (IST)
विधानसभा उपचुनावः पिथौरागढ़ में कसौटी पर सरकार का ढाई साल का कामकाज
विधानसभा उपचुनावः पिथौरागढ़ में कसौटी पर सरकार का ढाई साल का कामकाज

देहरादून, विकास धूलिया। लोकसभा चुनाव, निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव के बाद अब त्रिवेंद्र सरकार के समक्ष अगली चुनौती पिथौरागढ़ का किला फतह करने की है। कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन से रिक्त हुई इस सीट का उप चुनाव ठीक एक महीने बाद 25 नवंबर को होने जा रहा है। 

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इस चुनाव में प्रदेश सरकार का ढाई साल का कामकाज मतदाताओं की कसौटी पर परखा जाएगा। संभावना है कि भाजपा स्व. पंत के परिवार के ही किसी सदस्य को यहां से मैदान में उतार सकती है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा एतिहासिक प्रदर्शन के साथ 70 सदस्यीय विधानसभा में 57 सीटें हासिल कर सत्ता तक पहुंची। 

उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद चौथे विधानसभा चुनाव में पहली बार ऐसा हुआ, जब किसी एक पार्टी को स्पष्ट ही नहीं, अपितु भारी भरकम जनादेश मिला। इससे पहले के तीन विधानसभा चुनावों में सत्ता तक पहुंची कांग्रेस और भाजपा बाहरी समर्थन के बूते ही सरकार बनाने में सफल रही थीं। इस लिहाज से देखा जाए तो यह पहली सरकार है, जो बगैर किसी बाहरी दबाव के अपना कार्य करने में सक्षम है। 

विधानसभा चुनाव के बाद निकाय चुनाव में भी भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा। इसके बाद इन दिनों चल रही त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया में भी भाजपा ने जिला पंचायतों में अपने बेहतर प्रदर्शन को दोहराया है। हालांकि, अभी जिला पंचायतों के बोर्ड गठित नहीं हुए हैं, लेकिन जिस तरह की तस्वीर उभर रही है, उससे यही संकेत मिल रहे हैं कि अधिकांश जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर भाजपा का ही वर्चस्व रहेगा। 

अब आगामी 25 नवंबर को पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर उप चुनाव होना है। निर्वाचन आयोग ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है। गत जून में त्रिवेंद्र कैबिनेट के वरिष्ठ सदस्य प्रकाश पंत के असामयिक निधन के कारण यह सीट रिक्त हुई थी। भाजपा के लिए इस लिहाज से भी यह सीट प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में अपना आधा, यानी ढाई साल का कार्यकाल पूर्ण किया है। 

लिहाजा पंचायत चुनाव के बाद इस उपचुनाव में भी एक बार फिर सरकार के कामकाज की परीक्षा होगी। इसे देखते हुए सरकार और संगठन ने अब अपना फोकस पिथौरागढ़ सीट के उपचुनाव पर केंद्रित कर लिया है। पार्टी सूत्रों की मानें तो इसके लिए काफी पहले से कसरत चल रही थी, ताकि उपचुनाव की तिथियों का एलान होने पर तुरंत जमीनी स्तर पर कार्य शुरू कर दिए जाएं। 

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इस कड़ी में पार्टी ने प्रदेश एवं केंद्र सरकार की उपलब्धियों को पिथौरागढ़ क्षेत्र की जनता के समक्ष रखने के लिए रणनीति बनाई है। हाल ही में मुख्यमंत्री ने अल्मोड़ा कैबिनेट के दौरान क्षेत्र के लिए कई विकास योजनाओं की भी घोषणा की।

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