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स्वाइन फीवर से हो रही है सुअरों की मौत

ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में अब तक करीब 120 सुअरों की मौत हो चुकी है। पशुपालन विभाग की ओर से कुछ सैंपल जांच के लिए भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) बरेली को भेजे गए थे जिसकी रिपोर्ट आ गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Jul 2022 09:29 PM (IST)Updated: Mon, 04 Jul 2022 09:29 PM (IST)
स्वाइन फीवर से हो रही है सुअरों की मौत
स्वाइन फीवर से हो रही है सुअरों की मौत

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश:

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ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में अब तक करीब 120 सुअरों की मौत हो चुकी है। पशुपालन विभाग की ओर से कुछ सैंपल जांच के लिए भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) बरेली को भेजे गए थे, जिसकी रिपोर्ट आ गई है। निदेशक पशुपालन विभाग उत्तराखंड डा. प्रेम कुमार के मुताबिक ऋषिकेश और पौड़ी में सुअरों की मौत स्वाइन फीवर के कारण हुई है। बीमारी के लक्षण वाले इन पशुओं को क्वारंटाइन किए जाने की जरूरत है।

ऋषिकेश नगर निगम क्षेत्र में बीते एक पखवाड़े में फालतू सुअरों की अज्ञात बीमारी के कारण लगातार मौत हो रही है। सोमवार को भी इंद्रानगर से सटे रेलवे की भूमि पर स्थित एफसीआइ गोदाम के आसपास 17 और रेलवे कालोनी से आठ सूअर मृत अवस्था में पाए गए। नगर निगम की टीम की ओर से जिन्हें मौके पर ही जमीन में दबा दिया गया। अब तक इस बीमारी से करीब 120 सुअरों की मौत हो चुकी है। अज्ञात बीमारी से बड़ी संख्या में सूअरों की मौत को देखते हुए नगर आयुक्त गिरीश चंद्र गुणवंत ने उप जिलाधिकारी ऋषिकेश एक पत्र लिखा गया था। इसके बाद उपजिलाधिकारी मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को कार्रवाई के लिए लिखा था। पशु चिकित्साधिकारी ऋषिकेश डा. अमित वर्मा ने पांच सूअर के सैंपल जांच के लिए भारतीय पशु अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) बरेली को भेजे थे। पौड़ी क्षेत्र में भी अज्ञात बीमारी से करीब 50 सूअर की मौत हुई थी। वहां से भी बरेली पांच सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। निदेशक पशुपालन विभाग उत्तराखंड डा. प्रेम कुमार ने बताया कि ऋषिकेश और पौड़ी से भेजे गए सैंपल की जांच रिपोर्ट आ गई है। जिनमें सुअरों की मौत के पीछे स्वाइन फीवर कारण बताया गया है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी का टीका अभी तक भारत में नहीं बना है। बीमार पशुओं को क्वारंटाइन करके ही अन्य सुअरों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है। प्रत्यक्ष के तौर पर यह बीमारी मनुष्य में संक्रमण नहीं फैलाती। ऐसी स्थिति में सूअर के मांस के सेवन से बचना चाहिए।

बीमारी पता चलन के बाद पशुपालन विभाग सतर्क

सुअरों की मौत का कारण स्पष्ट हो जाने के बाद पशुपालन विभाग हरकत में आ गया है। पशु चिकित्सा अधिकारी ऋषिकेश डा. अमित कुमार वर्मा ने बताया कि विभाग की ओर से वाल्मीकि नगर और आसपास क्षेत्र में सूअर पालकों को घर-घर जाकर दवा वितरित की गई है अन्य सूअर को इस बीमारी से बचाने के लिए अब इन्हें एक स्थान पर क्वारंटाइन करना ही एकमात्र उपाय है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में वहां मंगलवार को उप जिलाधिकारी ऋषिकेश से मुलाकात करेंगे।

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स्वाइन फीवर के प्रमुख लक्षण

- बीमार सूअर की त्वचा में धब्बे पड़ने शुरू हो जाते हैं।

- सूअर का वजन तेजी के साथ घटने लगता है।

- सूअर के शरीर का तापमान अत्यधिक बढ़ जाता है।

- बीमार सूअर के संपर्क में आने पर स्वस्थ सूअर भी बीमार हो जाता है।

- बीमार सूअर के छोड़े गए भोजन का सेवन करने से भी यह संक्रमण फैलता है।


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