कहीं आप पर भी तो हावी नहीं हो रही थकान, ऐसे करें बचाव
मौजूदा परिवेश में बच्चों का भारी बस्ता पढ़ाई का दवाब युवावर्ग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा अच्छी नौकरी की तलाश और वृद्धावस्था में उम्र बढ़ने के कारण थकान जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
देहरादून, जेएनएन। यूं तो आज के समय में बढ़ता तनाव कई सारी समस्याओं का कारण बनता है, लेकिन इनमें प्रमुख रूप से शारीरिक एवं मानसिक थकान एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आ रहे हैं।
उत्तराखंड आयुर्वेद विवि के आयुर्वेद संकाय के सीनियर कन्सलटेंट डॉ. प्रदीप कुमार गुप्ता ने बताया कि मौजूदा परिवेश में बच्चों का भारी बस्ता, पढ़ाई का दवाब, युवावर्ग में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, अच्छी नौकरी की तलाश, मध्य आयु वर्ग में निजी व्यवसाय या नौकरी में अत्याधिक दबाव और वृद्धावस्था में उम्र बढ़ने के कारण थकान जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
क्या हैं थकान का कारण
- दीर्घकालिक : इसकी पहचान बहुत ज्यादा थकान, असामान्य नींद, दर्द और अन्य लक्षणों के रूप में होती है। इसमें मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों का दर्द, बहुत ज्यादा नींद आना देखने को आते हैं।
- खून की कमी : खून में स्वस्थ लाल रक्त कणिकाएं कम होने से दिल की तेज़ धड़कन, सांस फूलना, धड़कन बढ़ जाना आदि की दिक्कत होती है।
- मानसिक थकान : विभिन्न प्रकार की मानसिक समस्याओं में खासकर एन्जाइटी एवं डिप्रेशन की स्थिति में भी थकान की स्थिति पैदा हो जाती है।
- आंतरिक रोग जनित थकान : यदि आप अक्सर थकान और प्यास तथा भूख अधिक लगने जैसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आपकी इस थकान का कारण रक्तगत शर्करा की कमी हो सकती है।
कैसे करें बचाव
- थकान का एक बड़ा कारण शरीर मे पानी की कमी हो सकती है। निश्चित मात्रा में पानी अवश्य पीएं।
- भोजन में सदैव संतुलित एवं सुपाच्य आहार का सेवन करें। प्रोटीन सहित खनिज पदार्थों की पर्याप्त मात्रा हो। हरी साग सब्जियों एवं मौसमी फलों का सेवन पर्याप्त मात्रा में करें।
- नियमित व्यायाम या योग के चुनिंदा आसनों का प्रयोग थकान को दूर करता है। थकान की स्थिति में आप लंबी और गहरी सांस लें और अपना ध्यान महज सांसों पर केंद्रित करें, देखें आपकी थकान तुरंत दूर हो जाएगी। शवासन, वज्रासन आदि का अभ्यास काफी लाभकारी है।
- नियमित प्राणायाम में नाड़ी शोधन (अनुलोम विलोम) का अभ्यास आपको तरोताजा बनाए रखता है।
क्या न करें
- अनावश्यक तनाव
- क्षमता से अधिक कार्य
- नाश्ते सहित भोजन के समय को ध्यान न देते हुए समय बेसमय भोजन करना।
- अत्यधिक उपवास करना
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