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फार्मेसिस्ट देहरादून संबद्ध, अस्पताल में लगा ताला

चकराता सीमांत देवघार खत के अटाल पंचायत स्थित राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में तैनात फार्मेसिस्ट के कोविड ड्यूटी में देहरादून संबद्ध होने से अस्पताल में ताला लग गया है इसके चलते क्षेत्रवासियों को प्राथमिक उपचार के लिए 22 किलोमीटर दूर त्यूणी जाना पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 07:59 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 07:59 PM (IST)
फार्मेसिस्ट देहरादून संबद्ध, अस्पताल में लगा ताला
फार्मेसिस्ट देहरादून संबद्ध, अस्पताल में लगा ताला

संवाद सूत्र, चकराता: सीमांत देवघार खत के अटाल पंचायत स्थित राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में तैनात फार्मेसिस्ट के कोविड-19 ड्यूटी पर देहरादून अटैच होने से अस्पताल में ताला लटक रहा है। इसके चलते सीमांत क्षेत्र की ग्रामीण जनता को आपातकाल में प्राथमिक उपचार के लिए 22 किलोमीटर दूर त्यूणी अस्पताल जाना पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्र की अनदेखी और व्यवस्था से नाराज क्षेत्रवासियों ने मुख्य चिकित्साधिकारी देहरादून से बंद पड़े अस्पताल में डॉक्टर व फार्मेसिस्ट को जल्द भेजने की मांग की है।

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चकराता ब्लॉक के सुदूरवर्ती अटाल पंचायत में दूर-दराज के ग्रामीणों की स्वास्थ्य सेवा को सरकार ने कुछ वर्षों पहले राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय की स्थापना की। इस अस्पताल पर सैंज-तराणू, फेडिज, हेडसू, अटाल, अनतेऊ बस्ती व भरम खत से जुड़े आसपास के करीब डेढ़ दर्जन गांवों के ग्रामीणों की स्वास्थ्य सेवा का जिम्मा है। युवा कल्याण समिति के अध्यक्ष बसंत शर्मा, मुरली, सचिन, अंकित, सुनील, रमेश आदि ने कहा कि अटाल पंचायत पड़ोसी राज्य हिमाचल सीमा क्षेत्र के अंतिम छोर में बसी है। यहां पहले से डॉक्टर के पद रिक्त है। समिति के अध्यक्ष बसंत शर्मा ने कहा कि अस्पताल में तैनात एकमात्र फार्मेसिस्ट को भी स्वास्थ्य विभाग ने हफ्तेभर पहले कोविड ड्यूटी पर देहरादून अटैच कर दिया है। इसके चलते अस्पताल में ताले लटक गए। राजकीय अस्पताल अटाल में कोई डॉक्टर व फार्मेसिस्ट नहीं होने से स्थानीय ग्रामीण जनता को स्वास्थ्य समस्या झेलनी पड़ती है। सबसे ज्यादा परेशानी आपातकाल में मरीजों को उठानी पड़ती है। आसपास कोई स्वास्थ्य केंद्र नहीं होने से ग्रामीणों को प्राथमिक उपचार के लिए त्यूणी जाना पड़ता है। ऐसे में कई बार ग्रामीणों को समय पर वाहन की उपलब्धता नहीं होने से मरीज के जान पर बन आती है। ग्रामीणों ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान भी स्थानीय ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवा के लिए तरसना पड़ रहा है। स्वास्थ्य सेवा से बेहाल लोगों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी व जिला प्रशासन से स्टाफ की कमी के चलते बंद पड़े अटाल अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मियों की जल्द तैनाती करने की मांग की है। जिससे स्थानीय जनता को अस्पताल खुलने का लाभ मिल सके।


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