आयुष फार्मासिस्टों की भर्ती का होगा परीक्षण
आयुष विभाग वर्ष 2018 में हुई फार्मासिस्ट भर्ती का एक बार फिर परीक्षण कराने जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: आयुष विभाग वर्ष 2018 में हुई फार्मासिस्ट भर्ती का एक बार फिर परीक्षण कराने जा रहा है। भाजपा विधायकों द्वारा भर्ती में अनियमितता और तैनाती के दौरान भ्रष्टाचार की शिकायत पर आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने इसके निर्देश दिए हैं। परीक्षण में आरोप सही पाए जाने पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
आयुष निदेशालय अब लगातार विवादों के घेरे में आ रहा है। कुछ समय पूर्व ही विभागीय तबादलों को लेकर विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने नाराजगी जताई थी और इसकी जांच तक कराने की बात कही थी। उनका कहना था कि तबादले उनके संज्ञान में नहीं लाए गए। इस दौरान भी तबादलों को लेकर लेन देन के आरोप लगे थे। अब बीते वर्ष हुए भर्तियों का मामला गरमा रहा है। दरअसल, आयुष विभाग ने बीते वर्ष 90 फार्मासिस्ट के पदों पर भर्ती की थी। आरोप यह है कि ये पद नियम विरुद्ध सृजित किए गए। इतना ही नहीं, जो लोग भर्ती हुए उन्हें भी सुविधा के अनुसार मनमाफिक पोस्टिंग दी गई। हाल में भाजपा विधायकों ने आयुष मंत्री हरक सिंह रावत से मिलकर इस मामले की शिकायत की थी। इस पर विभागीय मंत्री ने मामले का परीक्षण करने की बात कही है।
कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत में कहा कि कुछ विधायक यह प्रकरण लेकर उनके पास आए थे। विधायकों ने भर्ती और पोस्टिंग में अनियमितता की बात कही है। इसका परीक्षण कराया जाएगा और आरोप सही पाए जाने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।