स्मार्ट मीटर अब यूपीसीएल की हां पर निर्भर
जागरण संवाददाता, देहरादून: स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में केंद्र ने अब गेंद यूपीसीएल के पाले मे
जागरण संवाददाता, देहरादून: स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में केंद्र ने अब गेंद यूपीसीएल के पाले में डाल दी है। पावर फाइनेंस कार्पोरेशन (पीएफसी) मुख्यालय दिल्ली में हुई बैठक में उत्तर प्रदेश और बिहार की तर्ज पर स्मार्ट मीटर योजना अपनाने का न्योता दिया। दरअसल, केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम पूरा खर्च वहन करेंगे और हर महीने प्रतिमीटर न्यूनतम किराया लिया जाएगा। साथ ही 1200 रुपये प्रति मीटर की दर से केंद्र भी सहायता करने को तैयार है। लेकिन, यूपीसीएल के पास इस रियायत के बाद भी योजना को लागू करने के लिए वित्तीय संसाधनों का अभाव है।
इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम (आइपीडीएस) के तहत यूपीसीएल ने स्मार्ट मीटर का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। इसमें केंद्र सिर्फ 60 फीसद धनराशि देने के लिए राजी था, लेकिन यूपीसीएल अन्य केंद्रीय योजनाओं की तरह 90 फीसद अनुदान मांग रहा था। अब केंद्र सरकार के उपक्रम पीएफसी, आरईसी, ईईएसएल राज्यों की डिमांड के अनुरूप स्मार्ट मीटर की खरीद कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार के लिए करीब 30 लाख मीटर खरीदे गए। एक मीटर करीब ढाई हजार रुपये का पड़ा, जबकि बाजार में इसकी कीमत चार हजार से अधिक है। कंपनी एक मीटर का किराया करीब 74 रुपये प्रतिमाह लेगी और पांच से छह साल का करार होगा। सिस्टम के परिचालन की जिम्मेदारी भी कंपनी की होगी। यूपीसीएल इसलिए भी दिलचस्पी नहीं ले रहा कि करीब 18 लाख उपभोक्ताओं की बिजली खपत बहुत ज्यादा नहीं है और कुल उपभोक्ता करीब 21 लाख हैं। ऐसे में अगर केंद्र के इस प्रस्ताव को स्वीकार करना फायदे का सौदा नहीं होगा। यूपीसीएल अधिक बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं के लिए प्रीपेड मीटर खरीद पर गंभीरता से विचार कर रहा है। यूपीसीएल के निदेशक परियोजना एमके जैन ने बताया कि उच्चाधिकारियों के साथ बैठक होगी, जिसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। दिल्ली में हुई बैठक में ऊर्जा मंत्रालय के निदेशक परिचालन विशाल कपूर, पीएफसी के सीएमडी राजीव शर्मा, यूपीसीएल समेत कई राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारी शामिल रहे।