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गौहरीमाफी में नदी में बही महिला, लोगों ने बचाया

शुक्रवार सुबह गौहरीमाफी गांव में सौंग नदी पार करने की कोशिश में एक महिला बह गई। जिसे स्थानीय लोगों कीमदद से एसडीआरएफ की टीम ने बमुश्किल बचाया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 04:37 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 04:37 PM (IST)
गौहरीमाफी में नदी में बही महिला, लोगों ने बचाया
गौहरीमाफी में नदी में बही महिला, लोगों ने बचाया

रायवाला, देहरादून [जेएनएन]: गौहरीमाफी में गांव के बीच बह रही सौंग नदी की धारा ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। शुक्रवार सुबह भी नदी पार करने की कोशिश में एक महिला बह गई। जिसे स्थानीय लोगों कीमदद से एसडीआरएफ की टीम ने बमुश्किल बचाया। इससे पहले गुरुवार रात को भी एक बाइक सवार युवक नदी में बह गया था। नौ दिन के भीतर यह तीसरी घटना है।

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जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को सावित्री देवी पत्नी खुशाल ङ्क्षसह राणा किसी जरूरी काम से रायवाला आने के लिए घर से निकली। नदी में बहाव काफी तेज था। वह एक स्थानीय युवक हिमांशु की मदद से नदी को पार करने की कोशिश करने लगी। कुछ दूर चलते ही तेज लहरों के बीच महिला खुद को संभाल नहीं पाई और गिर पड़ी। वह काफी दूर तक बहते हुए रपटे के नीचे नदी के भंवर में फंस गई। महिला को बहते देख आसपास के लोग उसकी मदद के लिए दौड़े। इस दौरान युवक संजय राणा व कमल सिंह भंडारी ने हिम्मत दिखाई और महिला की मदद के लिए नदी में कूद पड़े। दोनों ने उसे भंवर से बाहर निकाला। 

इस बीच सूचना पर एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई। तीनों लोगों को नदी से सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू किया गया। महिला के सीने व अन्य जगहों पर चोटें आई है। गांव में मौजूद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने महिला का प्राथमिक उपचार किया। इससे पहले बीते दो अगस्त को ड्यूटी से घर लौट रहा युवक दिनेश कंडियाल बाइक समेत नदी में गिर गया था। 

गुरुवार देर रात को टिहरी फार्म निवासी देवेंद्र सेमवाल भी बाइक समेत नदी में बह गया। दोनों युवक तो लोगों की मदद से बच निकले, लेकिन उनकी बाइक नदीं में समा गई। वहीं प्रशासन की तरफ से पीडि़त लोगों को मुआवजा वितरण का काम शुरू किया गया है। नदीं की धारा को डायवर्ट करने की कोशिश भी की जा रही है। हालांकि अब तक इसमें खास सफलता नहीं मिली है।

स्कूल-कॉलेज नहीं जा पा रहे बच्चे

इसे गौहरीमाफी के उन सैकड़ों बच्चों की बदनसीबी ही कहा जा सकता है कि मौसम साफ होने के बाद भी वह स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवक भी गांव में ही फंसे हुए हैं। गांव के बीच में अपना रास्ता बना चुकी नदी को पार करने का इन बच्चों के पास कोई साधन नहीं है। सरकार की तरफ से भी इनके लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया है। एसडीआरएफ की टीम जरूर लगी है लेकिन वह सीमित लोगों को ही केवल सुबह 10 बजे से 12 व शाम तीन बजे से पांच बजे तक आर-पार ले जा रहे हैं। बता दें कि प्राथमिक से लेकर कॉलेज तक की शिक्षा के लिए जाने वाले यहां के बच्चों को नदी पार करना जरूरी है।

संसद में उठाया मुद्दा

हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बाढ़ व जंगली जानवरों के आतंक का मुद्दा संसद में उठाया और लोगों की मदद के लिए सरकार से जरूरी कदम उठाने की गुजारिश की। भाजपा के जिला महामंत्री सुदेश कंडवाल ने बताया कि सांसद डॉ. निशंक को क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया गया था। इको विकास समिति की ओर से भी ज्ञापन दिए गए। समिति के अध्यक्ष राजेश जुगलान, देवेंद्र सेमवाल, भगवंत संधू आदि लोगों ने इसके लिए सांसद का आभार जताया है।

गौहरीमाफी में 2.50 हैक्टेयर खेत तबाह

सौंग नदी की बाढ़ से गौहरीमाफी में 2.50 हैक्टेयर कृषि भूमि नदीं में समा कर पूरी तरह तबाह हो गई है। जिसमें धान व अन्य फसल नष्ट हुई है। जिला कृषि अधिकारी की रिपोर्ट के मुताबिक 0.50 हैक्टेयर खड़ी फसल को भी 15 फीसदी नुकसान पहुंचा है। प्रशासन की ओर से अब तक 65 प्रभावित लोगों को राहत राशि दी जा चुकी है। एसडीएम हरगिरि के मुताबिक क्षतिपूॢत देने व नुकसान के आकलन का कार्य जारी है।

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