दुर्गंध को लेकर शीशमबाड़ा के लोगों का नगर निगम में प्रदर्शन
नगर निगम के शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को लेकर चल रहा विवाद लगातार बढ़ रहा है। दुर्गंध से परेशान ग्रामीणों ने लगातार दूसरे दिन नगर निगम में प्रदर्शन किया।
देहरादून, जेएनएन। कूड़ा निस्तारण में फेल साबित हो रहे नगर निगम के शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को लेकर चल रहा विवाद लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय ग्रामीण प्लांट में तालाबंदी करने और इसे शिफ्ट करने की मांग कर रहे, वहीं नगर निगम भी लगातार चल रहे विवाद की वजह से तंग आ चुका है। दुर्गंध से परेशान ग्रामीणों ने लगातार दूसरे दिन नगर निगम में प्रदर्शन किया। महापौर एवं नगर आयुक्त को ज्ञापन देकर समाधान निकालने की मांग भी की। महापौर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि प्लांट में दुर्गंध की समस्या का समाधान स्थायी तौर पर निकाला जाए, इसके प्रयास किए जा रहे हैं।
ग्रामीणों का सबसे ज्यादा आक्रोश प्लांट में गंदे पानी यानी लिचर्ड को लेकर है। गंदा पानी जमीन में ही समा रहा और इस वजह से भूजल भी प्रदूषित हो रहा। आरोप है कि रैमकी कंपनी ने दावा किया था कि लिचर्ड ट्रीटमेंट प्लांट चल रहा है, लेकिन अब तक कंपनी ने यह प्लांट शुरू ही नहीं किया और ग्रामीणों को धोखे में रखा गया। ग्रामीणों की ओर से इसी मामल को उठाते हुए गुरुवार को नगर निगम में प्रदर्शन किया गया। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से मुलाकात की गई। नगर आयुक्त ने बताया कि 31 जनवरी से लिचर्ड ट्रीटमेंट प्लांट काम करना शुरू कर देगा। महापौर सुनील उनियाल गामा ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या को निगम अनदेखा नहीं कर रहा है। प्लांट में जो भी खामियां हैं, उन्हें दूर किया जा रहा।
रैमकी से छिन सकता है ऊर्जा प्लांट
लगातार चल रहे विवाद व कूड़ा प्रबंधन में विफल रैमकी कंपनी से ऊर्जा प्लांट छिन सकता है। दरअसल, शीशमबाड़ा में निगम की ओर से कूड़ा निस्तारण के लिए सरकार से वहां ऊर्जा प्लांट को मंजूरी देने की मांग की गई है। ऊर्जा प्लांट लगने पर कूड़ा सीधे ब्वॉलर में डाल दिया जाता है व इससे कोई दुर्गंध नहीं आती। रैमकी कंपनी यही प्लांट हासिल करने की जुगत भिड़ा रही है। संदेह है कि इसी वजह से कूड़े से खाद बना रहा मौजूदा प्लांट फेल साबित किया जा रहा है, ताकि ऊर्जा प्लांट का जिम्मा रैमकी कंपनी को मिल जाए। महापौर ने बताया कि जिस तरह से रैमकी कंपनी विवादों में है, उसको देखते हुए ऊर्जा प्लांट दूसरी कंपनी को देने पर विचार चल रहा है।
विधायक के जवाब पर भड़के आंदोलनकारी
शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केंद्र के विरोध में धरने के 110 वें दिन गुरुवार को विधायक सहदेव पुंडीर आंदोलनकारियों के बीच पहुंचे। प्लांट शिफ्टिंग के सवाल पर विधायक के संतोषजनक जवाब न देने पर आंदोलनकारी भड़क गए। उन्हें शांत कराते हुए विधायक ने आंदोलनकारियों को नगर निगम महापौर सुनील उनियाल व नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से मिलवाया। जहां पर भी संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर आंदोलनकारियों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। इस दौरान एक आंदोलनकारी ने जल्द प्लांट के शिफ्ट न होने पर कड़ा कदम उठाने की चेतावनी दी।
प्लांट को शिफ्ट करने के सवाल पर धरना स्थल पर पहुंचे विधायक सहसपुर जमीन तलाश करने की बात कहने लगे। इस पर आंदोलनकारियों का आक्रोश और बढ़ गया। आंदोलनरत महिलाओं ने विधायक से सवाल किया कि आखिर कब तक यह प्लांट शिफ्ट होगा, विधायक ने कहा कि नगर आयुक्त से मिलवाया जाएगा। जहां से हल न निकलने पर शासन स्तर पर वार्ता की जाएगी। जिसके बाद विधायक के साथ नगर निगम कार्यालय पहुंचे आंदोलनकारियों ने नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे व मेयर सुनील उनियाल गामा से वार्ता की। समस्या का कोई हल न निकलता देख शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केंद्र के विरोध में आंदोलन कर रहे सतपाल ने कठोर कदम उठाने की चेतावनी दे डाली।
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कहा कि अगर शुक्रवार से कूड़े के वाहन प्लांट में लाए गए तो नगर निगम के कार्यालय में ही कठोर कदम उठा दिया जाएगा। वहीं धरने पर बैठी महिलाओं ने कहा कि जनता ने विधायक सहसपुर से जो उम्मीद की थी कि वह कोई हल निकालकर आएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, जिससे जनता खुद को ठगा महसूस कर रही है। धरने पर राजेश शर्मा, निरंजन चौहान, आशा रावत, सपना शर्मा, कुसुम भट्ट, नीलम थापा, रीता शर्मा, रेखा भट्ट, सुशीला सेमवाल, सुधीर रावत, संदीप भंडारी, दीपा जोशी, बीना बमराडा, रेवा देवी जुयाल, सुमित्रा सती, नीमा जोशी, आशा मैंदोला, सुमाली बिष्ट, ममता त्यागी, आशा चौहान, आहना रावत आदि मौजूद रहे।
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