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नेताओं के चेहरे बदले, नहीं बदली चीड़ीभेली की तस्वीर; पढ़िए पूरी खबर

चीड़ीभेली गांव के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। हर बार चुनाव हुए और नेताओं ने वायदों की झड़ी लगा दी। लेकिन आज तक गांव की तस्वीर नहीं बदल पाई।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 05:21 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 09:26 AM (IST)
नेताओं के चेहरे बदले, नहीं बदली चीड़ीभेली की तस्वीर; पढ़िए पूरी खबर
नेताओं के चेहरे बदले, नहीं बदली चीड़ीभेली की तस्वीर; पढ़िए पूरी खबर

विकासनगर, जेएनएन। टिहरी लोकसभा अंतर्गत सहसपुर विधानसभा की तिमली ग्राम पंचायत के चीड़ीभेली गांव के ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। हर बार चुनाव हुए और नेताओं ने वायदों की झड़ी लगा दी, लेकिन आज तक गांव की तस्वीर नहीं बदल पाई।

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इस गांव में 20 परिवार निवास करते हैं, जिनकी आबादी डेढ़ सौ के करीब है। यह गांव कालसी वन प्रभाग के तिमली रेंज के आरक्षित वन क्षेत्र के बीच में बसा हुआ है। जिस कारण यहां जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है। आए दिन गुलदार व हाथियों की धमक से ग्रामीण खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। यहां ग्रामीणों की आय का मुख्य स्रोत खेती ही है, लेकिन जंगली जानवरों के आतंक के कारण लोग खेती भी ंनहीं कर पाते हैं।

अगर किसी ने हिम्मत कर खेती कर भी ली तो सुअर आदि जंगली जानवर उसे नष्ट कर देते हैं, जिससे ग्रामीणों की मेहनत पर पानी फिर जाता है। इसके अलावा लोगों को यहां आज तक विद्युत आपूर्ति भी बहाल नहीं की जा सकी है। हालांकि ऊर्जा निगम ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर यहां सोलर लाइट दी है। जिससे ग्रामीण किसी तरह अपना गुजारा कर रहे हैं। 

पेयजल आपूर्ति की बात करें तो यहां भी व्यवस्थाएं धड़ाम हैं। गांव में दो हैंडपंप हैं, जो पूरी आबादी की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं हैं। इसके अलावा ग्रामीणों को आज तक सड़क सुविधा भी मुहैया नहीं हो पाई है। दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे से गांव तक जाने के लिए लोगों को जंगल के बीच से गुजर रहे पथरीले रास्ते का सहारा लेना पड़ता है। यदि किसी को अस्पताल तक ले जाना पड़े तो ग्रामीणों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। 

जहां एक ओर पूरे देश में विकास की बात की जा रही है, वहीं चीड़ीभेली गांव को देखकर लगता है कि यह देश का हिस्सा ही नहीं है। ग्राम निवासी जयपाल सिंह चौहान बताते हैं कि गांव की ओर आज तक किसी भी नेता ने ध्यान नहीं दिया। जिससे आज भी वह मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। 

ग्राम निवासी सरदार सिंह शर्मा, सोनू जसवाल, हंसराम चौहान, जहूर हसन, तालिब, मौहम्मद रफीक, सुरेश चौहान, अतर सिंह तोमर, विरेंद्र चौहान, प्रकाश सिंह, सुरेश शर्मा आदि का कहना है कि अब उन्हें सरकार पर भरोसा नहीं रह गया है। जिससे वह खुद ही श्रमदान कर अपनी समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। नफीस अहमद, प्रधान, तिमली ग्राम पंचायत का कहना है कि चीड़ीभेली के लिए बिजली और पानी की लाइनें पहुंचाने का प्रस्ताव ग्राम सभा द्वारा तैयार किया गया था, जिस पर कार्रवाई करते हुए शासन स्तर से कुछ सोलर लाइट दी गई है, जिनसे फिलहाल गांव में रोशानी की थोड़ा बहुत व्यवस्था हो पाई है। इसके अतिरिक्त पानी की लाइन का मामला अभी शासन में लंबित है।

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