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दशकों से लोहे की तार पर रेंग रही है जिंदगी

देहरादून व उत्तरकाशी जनपद की सीमा का विभाजन करने वाली टौंस व पावर नदी के उस पार बसे बंगाण क्षेत्र के लोगों की जिदंगी पिछले कई वर्षों से लोहे की तार पर घिसट रही है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 05 Feb 2018 09:22 AM (IST)Updated: Tue, 06 Feb 2018 06:23 PM (IST)
दशकों से लोहे की तार पर रेंग रही है जिंदगी
दशकों से लोहे की तार पर रेंग रही है जिंदगी

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v>त्यूणी(देहरादून),[जेएनएन]: राज्य गठन के बाद सरकारें आई और गई, लेकिन देहरादून व उत्तरकाशी जनपद की सीमा का विभाजन करने वाली टौंस व पावर नदी के उस पार बसे बंगाण क्षेत्र के लोगों की जिदंगी पिछले कई वर्षों से लोहे की तार पर घिसट रही है। अरसे से टौंस व पावर नदी पर प्रस्तावित झूलापुल बनाने की मांग कर रहे लोगों की समस्या जस की तस है। ऐसे में लोगों को नदी के इस छोर से उस पार आने-जाने को लोहे की तार का सहारा लेना पड़ता है। उफनती नदी के ऊपर बंधी करीब साठ मीटर लंबी इस लोहे की डोर पर जिंदगी कहां साथ छोड़ दे कह नहीं सकते।
उत्तराखंड के देहरादून व उत्तरकाशी जनपद के सीमावर्ती बंगाण क्षेत्र व जौनसार-बावर की सीमांत तहसील त्यूणी क्षेत्र के कई गांव एक-दूसरे से जुड़े हैं। त्यूणी बाजार और पर्यटन नगरी हनोल के पास टौंस व पावर नदी के उस पार बसे बंगाण क्षेत्र के भंखवाड़, रुणसूण, रावना, घोरियाना, मैंजणी, भूटाणू व सांद्रा समेत आसपास के दर्जनभर गांवों में बसे सैकड़ों लोगों का मुख्य बाजार त्यूणी पड़ता है। 
देहरादून व उत्तरकाशी जनपद की सीमा का विभाजन करने वाली टौंस व पावर नदी के उस पार बसे बंगाण क्षेत्र के इन गांवों की ग्रामीण जनता के आने-जाने का रास्ता त्यूणी बाजार व हनोल से होकर गुजरता है। नदी के इस छोर से उस पार बसे इन गांवों तक कोई पहुंच मार्ग नहीं है। जिससे इन ग्रामीणों को गांव से त्यूणी बाजार आने-जाने को लोहे की तार के सहारे गुजरना पड़ता है। 
टौंस नदी के उस पार बसे बंगाण क्षेत्र के सांद्रा, रुणसूण व भंखवाड़ पंचायत और पावर नदी के उस छोर पर बसे रावना, घोरियाना, मेंजणी व भूटाणू पंचायतवासियों को उफनती नदी के ऊपर बंधी लोहे की करीब साठ मीटर लंबी डोर के सहारे आर-पार गुजरना पड़ता है। ग्रामीणों की माने तो भंखवाड़ पंचायत में पिछले एक दशक में घास, लकड़ी व अन्य घरेलू सामान को लोहे की तार के सहारे टौंस नदी के इस छोर से उस पार ले जाते वक्त संतुलन बिगडऩे से गुर्जर समाज के आधा दर्जन लोगों की जानें चली गई। 
भूटाणू की क्षेत्र पंचायत सदस्य केवला चौहान, चतर रावत आदि ने कहा कि ग्रामीण लंबे समय से त्यूणी बाजार के नजदीक पावर नदी पर प्रस्तावित कंठग व रावना के बीच और हनोल के पास टौंस नदी पर प्रस्तावित सुंआली क्यारी-भंखवाड़ व सांद्रा के पास झूलापुल निर्माण की मांग करते आ रहे हैं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। बेपरवाह सिस्टम के आगे बेबस ग्रामीण जनता बाजार से घरेलू सामान, लकड़ी व चारापत्ती को लोहे की तार पर नदी के रास्ते लाने ले जाने को मजबूर है।

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